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यूपी स्टेट लॉ कमीशन ने की सिफारिश, धर्मांतरण के लिए की शादी तो 7 साल की सजा!
लखनऊ. सूबे की योगी सरकार ने अगर स्टेट लॉ कमीशन की सिफारिशों को माना तो धर्मांतरण के लिए शादी करने पर सात साल की जेल हो सकती है. इतना ही नहीं यह शादी भी अवैध मानी जाएगी. दरअसल, स्टेट लॉ कमीशन ने गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को विधेयक से जुड़ा नया ड्राफ्ट सौंपा. स्टेट लॉ कमीशन ने अपने ड्राफ्ट में सिफारिश की है कि यूपी में भी धर्मांतरण के लिए सख्त कानून बनाना जरूरी है.
धार्मिक स्वतंत्रता विधेयक 2019 के ड्राफ्ट को आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति एन मूर्ति और सचिव सपना त्रिपाठी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंपा. आयोग का मानना है कि सूबे में मौजूदा कानून धर्मांतरण को रोकने के लिए पर्याप्त नहीं है. इसलिए धर्मांतरण के लिए नया कानून बनाया जाना चाहिए. आयोग का मानना है कि सूबे में बड़े पैमाने पर धर्मांतरण हो रहा है.आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति एन मित्तल ने बताया कि यूपी में भी बड़े पैमाने पर जबरन धर्मांतरण हो रहा है. लव जिहाद की आड़ में भी धर्म परिवर्तन किया जा रहा है. इसके अलावा पहचान छुपाकर और प्रलोभन देकर भी धर्म परिवर्तन होता है. हिंदुओ और खासकर एससी-एसटी का प्रलोभन देकर धर्मांतरण किया जाता है.
घर वापसी नहीं होगा अपराध
ड्राफ्ट में कहा गया है कि अगर किसी ने दूसरा धर्म अपना लिया था लेकिन वह अपने पुराने धर्म में दोबारा वापसी करना चाहता है तो वह कर सकता है. यह अपराध नहीं माना जाएगा. इस पूरी प्रक्रिया को धर्म परिवर्तन कानून से बाहर होगी.
धर्मांतरण के लिए महीने पहले देना होगा शपथपत्र
ड्राफ्ट में सिफारिश की गई है कि अगर कोई व्यक्ति धर्मांतरण करना चाहता है तो वह पहले जिलाधिकारी या उसके द्वारा नामित अपर जिलाधिकारी को एक महीने पहले शपथ पत्र देना होगा. उसे यह भी घोषित करना होगा कि यह धर्मांतरण छल, प्रलोभन, जबरन या किसी अन्य प्रभाव में नहीं किया जा रहा है. इतना ही नहीं धर्मांतरण करने वाले धर्म गुरुओं को भी डीएम ऑफिस से प्रस्तावित फॉर्म भरकर एक महीने की नोटिस देनी होगी.
10 राज्यों में धर्मांतरण को रोकने के लिए कानून
ड्राफ्ट में कहा गया है कि देश के 10 राज्यों में धर्मांतरण को रोकने के लिए कानून बनाया गया है. मध्यप्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, ओडिसा, तमिलनाडु, गुजरात, राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखण्ड, हिमचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे प्रदेशों में धर्मांतरण को रोकने के लिए कानून बनाया गया है. यूपी को भी इस दिशा में कार्रवाही करनी चाहिए. कहा जा रहा है कि आयोग की सिफारिश पर सरकार विधिक सलाह लेकर ही आगे बढ़ेगी.
बता दें यूपी विधान सभा में धर्मांतरण पर सवाल पूछा गया था. कुछ महीने पहले जौनपुर में एक साथ 300 लोगों द्वारा धर्मपरिवर्तन का मामला भी सामने आया था. यूपी के अलग- अलग जिलों में अभी भी धर्मांतरण हो रहा है. योगी आदित्यनाथ भी सीएम बनने से पहले धर्मांतरण पर कानून की मांग कर चुके हैं.