लखनऊ

यूपी के इतिहास का सबसे बड़ा बजट पेश की योगी सरकार, हर तबके को रखा ख्याल तो काशी अयोध्या में खर्च होंगे 200 से 500 करोड़

Sujeet Kumar Gupta
18 Feb 2020 6:54 AM GMT
यूपी के इतिहास का सबसे बड़ा बजट पेश की योगी सरकार, हर तबके को रखा ख्याल तो काशी अयोध्या में खर्च होंगे 200 से 500 करोड़
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वित्त मंत्री ने कहा कि हमने जनता का दिल जीता है। हम चुनौतियों से निपट रहे हैं। राज्य नीति आयोग का गठन किया जाएगा। यूपी के इतिहास का सबसे बड़ा बजट है।वित्त मंत्री ने कहा कि 2020 के बजट में युवाओं पर फोकस है।

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार ने आज अपना चौथा पूर्ण बजट पेश किया। सरकार ने उत्तर प्रदेश का 5,12,860.72 करोड़ का बजट किया पेश किया। पिछले वित्तीय वर्ष 2019-20 के मुकाबले इस बार 33 हजार 159 करोड़ रुपये ज्यादा का बजट पेश हुआ। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने पिछले साल के मुकाबले इस बार 6.50 फीसदी से ज्यादा का बजट पेश किया।

-वित्त मंत्री ने कहा कि हमने जनता का दिल जीता है। हम चुनौतियों से निपट रहे हैं। राज्य नीति आयोग का गठन किया जाएगा। यूपी के इतिहास का सबसे बड़ा बजट है।वित्त मंत्री ने कहा कि 2020 के बजट में युवाओं पर फोकस है। यूपी की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन का बनाने का लक्ष्य है। तो वही तेजी से विकास की कोशिश है। इज ऑफ डूइंग बिजनेस में सुधार किया गया है। तीन साल में दो इन्वेस्टर समिट किए। शिक्षा, स्वास्थ्य और इंफ्रास्ट्रक्चर पर जोर है।

-वित्त मंत्री ने कहा कि प्रदेश की जनता को पुलिस की सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए यूपी कॉप एप बनाया गया है। इस एप को पांच लाख से अधिक लोगों द्वारा डाउनलोड किया जा चुका है। साइबर थानों पर जोर है। 16 साइबर थाने का निर्माण किया जाएगा। दुष्कर्म की घटनाओं में 35 प्रतिशत की कमी आई है।

-सरकार ने अयोध्या में उच्चस्तरीय पर्यटक अवस्थापना सुविधाओं के विकास के लिए 85 करोड़ की व्यवस्था की है. वहीं तुलसी स्मारक भवन के लिए 10 करोड़ की व्यवस्था की गई है. इसी तरह से वाराणसी में संस्कृति केंद्र की स्थापना के लिए 180 करोड़, पर्यटन इकाई के प्रोत्साहन के लिए 50 करोड़ की व्यवस्था की गई है. यही नहीं गोरखपुर के रामगढ़ ताल में वाटर स्पोर्ट्स के लिए 25 करोड़ रुपये और काशी विश्वनाथ मंदिर के लिए 200 करोड़ की व्यवस्था की गई है।

-अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के तहत योगी सरकार ने प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के लिए 783 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है. मान्यता प्राप्त मदरसों व मकतबों के लिए 479 करोड़ रुपये दिए हैं वहीं समाज कल्याण में वृद्धावस्था/किसान पेंशन योजना के लिए 1459 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है. इसी तरह से राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना के लिए 1251 करोड़ रुपये, राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना के लिए 500 करोड़ रुपये, मुख्यमंत्री सामूहिक योजना के लिए 250 करोड़ और पिछड़े वर्ग के छात्र छात्राओं के लिए छात्रवृत्ति योजना के लिए 1375 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।

-निराश्रित महिला पेंशन योजना के लिए 1432 करोड़ रुपयेपुलिस बल आधुनिकीकरण योजना के लिए 122 करोड़ रुपये दिए गए हैं. विधि विज्ञान प्रयोगशालाओं के लिए 60 करोड़ रूपये, सेफ सिटी लखनऊ योजना के लिए 97 करोड़ रुपये, मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के लिए 1200 करोड़ रुपये, निराश्रित महिला पेंशन योजना के लिए 1432 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है. इसके तहत 500 रुपये प्रतिमाह प्रति महिला को दिया जाएगा, जिसमें तलाकशुदा महिलाओं को भी शामिल किया गया है।

-पुलिस विभाग के अलावा सीए भवनों के निर्माण के लिए 650 करोड़ रुपये, आवासीय भवनों के निर्माण के लिए 600 करोड़ रुपये दिए गए हैं. इसी तरह नए जिलों में आवासीय और आवासीय भवनों के निर्माण के लिए 300 करोड़ रुपये, अग्निशमन केंद्र की आवासीय व गैर आवासीय भवनों के निर्माण के लिए 150 करोड़ रुपये दिए गए हैं. सेफ सिटी लखनऊ योजना के लिए 97 करोड़ रुपये की व्यवस्था, उत्तर प्रदेश पुलिस यूनिवर्सिटी की स्थापना के लिए 20 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।

-वहीं कर्तव्य पालन के दौरान शहीद और घायल पुलिसकर्मी के परिवार व कर्मचारियों के लिए 27 करोड़ रुपये, सेंट्रल विक्टिम कंपनसेशन फंड स्कीम के तहत तेजाब, बलात्कार, मानव तस्करी अथवा हत्या मामलों में आर्थिक सहायता के लिए 28 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है. इसी तरह स्टूडेंट पुलिस कैडेट योजना के तहत 14 करोड़ रुपये, साइबर क्राइम प्रिवेंशन अगेंस्ट विमेन एंड चिल्ड्रन के लिए 3 करोड़ दिए गए हैं।

-जनपद लखनऊ, गोरखपुर तथा बदायूं में महिला पीएससी वाहिनी की स्थापना की जाएगी. सुरेश खन्ना ने कहा कि प्रदेश में 76 महिला थाने स्थापित हैं, जिनमें लखीमपुर खीरी में 2 महिला थाने तथा अन्य सभी जनपदों में एक-एक महिला थाने हैं.

-दिल्ली से मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम के लिए 900 करोड़ दिए गए हैं. कानपुर मेट्रो रेल परियोजना के लिए 358 करोड़ रुपये, आगरा मेट्रो रेल परियोजना के लिए 286 करोड़ रुपये, गोरखपुर और अन्य शहरों की मेट्रो के लिए 200 करोड़ रुपये दिए गए. ग्रामीण क्षेत्र के सीएचसी को 100 बेड के अस्पताल में परिवर्तित करने के लिए 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है. इसी तरह एसजीपीजीआई के लिए 820 करोड़ रुपये, केजीएमयू लखनऊ के लिए 919 करोड़ रुपये दिए गए हैं. दिव्यांग पेंशन योजना के अंतर्गत 621 करोड़ रुपये सरकार ने दिए हैं. वहीं प्रदेश के सभी 75 जिलों में शिविर लगाकर दिव्यांगजन को सुविधा के लिए 37 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।

-वहीं प्रदेश में ग्रामीण मार्गों के के लिए 2305 करोड़, राज्य सड़क निधि हेतु 1500 करोड़, मार्गो के अनुरक्षण के लिए 3524 करोड़ रुपये, विश्व बैंक की सहायता से प्रस्तावित उत्तर प्रदेश कोर रोड नेटवर्क परियोजना के लिए 830 करोड़ रुपये दिए गए हैं. इसी तरह उत्तर प्रदेश मुख्य ज़िला विकास परियोजना के अंतर्गत मार्ग निर्माण के लिए 755 करोड़ रुपये, पूर्वांचल निधि के लिए 300 करोड़, बुंदेलखंड निधि के लिए 210 करोड़ रुपये, केंद्रीय मार्ग योजना के लिए 2 हज़ार 80 करोड़ रुपये और पुलों के निर्माण के लिए 2 हज़ार 529 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।

-प्रधानमंत्री मातृ योजना हेतु 291 करोड़ रुपये दिए गए हैं. ग्रामीण आयुर्विज्ञान संस्थान, सैफई के लिए 309 करोड़ रुपये, डॉ. राम मनोहर लोहिया चिकित्सा संस्थान के लिए 477 करोड़ रुपये, कैंसर संस्थान के लिए 187 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है. वहीं राष्ट्रीय कृषि बाजार के लिए 1483 करोड़ 80 लाख रुपये की व्यवस्था की गई है. इसके अलावा अटल आवासीय विद्यालय के लिए 270 करोड़ रुपये, मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रोत्साहन योजना के लिए 100 करोड़ रुपये दिए गए हैं. इसके तहत युवाओं को प्रशिक्षण के दौरान 2500 रुपये का स्टाइपेंड युवाओं को अपना कारोबार शुरू करने के लिए दिया जाएगा. युवा हब योजना के लिए 1200 करोड़ रुपये की व्यववस्था की गई है।


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