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मैनपुरी नवोदय विद्यालय रेप केस: मौत से पहले छात्रा अनुष्का पांडेय से हुआ था रेप, फॉरेंसिक रिपोर्ट में हुई पुष्टि

Special Coverage News
3 Dec 2019 11:58 AM IST
मैनपुरी नवोदय विद्यालय रेप केस: मौत से पहले छात्रा अनुष्का पांडेय से हुआ था रेप, फॉरेंसिक रिपोर्ट में हुई पुष्टि
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मैनपुरी. नवोदय विद्यालय की छात्रा अनुष्का पांडेय की हत्या के मामला में नया खुलासा हुआ है. आगरा विधि विज्ञानं प्रयोगशाला की रिपोर्ट के मुताबिक छात्र की मौत से पहले उसके साथ रेप हुआ था. विधि विज्ञान प्रयोगशाला के वैज्ञानिकों को स्लाइड में मेल स्पर्म मिले थे. लैब ने 15 नवंबर को ही इसकी रिपोर्ट मैनपुरी पुलिस को दे दी थी. लेकिनर संदिग्धों से डीएनए मैच कराने की बजाय पुलिस ने इस रिपोर्ट को ही दबा दिया. बता दें परिवार पहले से ही दुष्कर्म के बाद हत्या का आरोप लगाता रहा है.

डीएम-एसपी पर कार्रवाई

हत्याकांड की जांच और कार्रवाई को लेकर लापरवाह बने रहे आला अधिकारी अब सरकार के निशाने पर आ गए हैं. नाराज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर पुलिस अधीक्षक अजय शंकर राय को तो हटा ही दिया गया था. सोमवार को जिलाधिकारी प्रमोद कुमार उपाध्याय को भी हटा दिया गया. इन दोनों अधिकारियों ने रेप पीड़िता की मौत के मामले में बड़े तथ्य छुपाए थे. परिजन शुरू से ही दुष्कर्म के बाद हत्या की बात कर रहे थे, लेकिन तत्कालीन एसपी मैनपुरी अजय शंकर राय लगातार आत्महत्या की दुहाई दे रहे थे. बहरहाल दोनों अधिकारी अब सरकार के निशाने पर हैं एसपी के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं.

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हुई छेड़छाड़

अनुष्का की मौत के बाद पुलिस ने जो पंचनामा किया था उसमें अनुष्का के बदन पर चोटों के निशान पाए थे, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह सब नहीं दर्शाया गया. आगरा विधि विज्ञान प्रयोगशाला की जांच रिपोर्ट आने के बाद रेप पीड़िता के साथ दुष्कर्म की पुष्टि हुई. इससे साफ जाहिर होता है कि पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर भी इस पूरे मामले में सम्मिलित थे. यही वजह रही कि पंचनामा में चोटों के निशान होने के बावजूद पोस्टमार्टम रिपोर्ट में चोटों के निशान गायब कर दिए गए. अनुष्का की हत्या को मौत में बदलने के लिए पूरे जिले का कुनबा शामिल था. क्या पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों पर भी अब जांच होगी यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा?

छात्रा के साथ हुआ था दुष्कर्म

रेप पीड़िता हत्याकांड में एक और बड़ा खुलासा हुआ है. मैनपुरी की छात्रा से दुष्कर्म हुआ था. आगरा विधि विज्ञान प्रयोगशाला में हुई जांच में वैज्ञानिकों को स्लाइड में मेल स्पर्म मिले थे. लैब ने 15 नवंबर को ही इसकी रिपोर्ट मैनपुरी पुलिस को दे दी थी. मगर संदिग्धों से डीएनए मैच कराने की बजाय पुलिस इसे दबाए रखी. एसआईटी की अध्यक्षता कर रहे आईजी कानपुर मोहित अग्रवाल ने पूरे मामले की जानकारी पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह को दी.

सीएम की नाराजगी के बाद हुई कार्रवाई

सीएम की नाराजगी के बाद पुलिस अधीक्षक और जिलाधिकारी को तो हटा दिया लेकिन अभी और भी वह मछलियां हैं, जिन पर कार्रवाई होनी बाकी है. अपर पुलिस अधीक्षक और सीओ भोगांव कोतवाल यह वह अधिकारी हैं जो इस हत्याकांड की जांच कर रहे थे. आखिरकार इन अधिकारियों ने भी पूरे मसले पर चुप्पी क्यों साधे रखी? क्या इस हत्याकांड को आत्महत्या देने के लिए प्रशासन किसी के दबाव में काम कर रहा था? यह तो एसआईटी की जांच पूरी होने के बाद ही पता लग पाएगा.

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