नोएडा

गौतमबुद्ध नगर के अपर पुलिस आयुक्त(लॉ एंड ऑर्डर )बने अखिलेश कुमार

Shiv Kumar Mishra
13 Jan 2020 5:57 PM GMT
गौतमबुद्ध नगर के अपर पुलिस आयुक्त(लॉ एंड ऑर्डर )बने अखिलेश कुमार
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धीरेन्द्र अवाना

नोएडा। गौतमबुद्ध नगर जिले में अपर पुलिस आयुक्त(लॉ एंड ऑर्डर ) के पद पर आज अखिलेश कुमार की तैनाती हुई है।आपको बताते चले कि अखिलेश कुमार राजस्थान के एक छोटे से गांव झारोटी (भरतपुर)के मूल निवासी है।आज आइपीएस अखिलेश कुमार सफलता की ऊंची पायदान पर जरूर है लेकिन इस मुकाम तक पहुचने में पहुचने के लिए उन्होंने कठिन परिश्रम किया।उनकी कहानी संघर्ष कर ऱहे उन नौजवानों के लिए प्रेरक प्रसंग से कम नहीं हैं।

अखिलेश बताते हैं कि उनकी मां कंचनी देवी को मलाल था कि सामाजिक आर्थिक परिस्थितियों के चलते वह कभी स्कूल का मुंह नहीं देख सकीं थीं, मगर जिले के 'कलेक्टर' का रुतबा-रुआब उनके मन में बस गया था कि बेटा कलेक्टर बने।मां ने जब एक बार भावुक होकर यह बात अखिलेश के सामने रखी तो उन्होंने भी तय कर लिया कि मां का ख्वाब जरूर पूरा करना है। संकल्प और आत्मविश्वास इतना मजबूत था कि माली हालत और अन्य संसाधनों की कमी पर कभी नजर नहीं गई। गांव में कक्षा चार तक पढ़ाई करने के बाद भुसावर तहसील में एक स्कूल में दाखिला ले लिया। हाईस्कूल में उम्मीद से कम नंबर आने के बाद मायूस हुए, लेकिन मां ने हौसला बंधाया तो एक बार फिर नए जोश से पढ़ाई में जुट गए। इसके बाद इंटर की पढ़ाई के लिए जयपुर गए। प्रथम श्रेणी में इंटर की परीक्षा पास करने के साथ आइआइटी दिल्ली जैसे प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान में प्रवेश लिया।2000 में सिविल इंजीनियरिंग पूरी की और सिविल सर्विसेज की तैयारी शुरू की।उन्होंने बताया कि पहली बार में सफलता न मिलने पर ऐसा लगा कि कोई दूसरी नौकरी कर लूं,लेकिन मां ने फिर हौसला दिया और 2005 में देश की सर्वोच्च परीक्षा पास करने में सफलता मिली और आइपीएस बन गए।

फरवरी 2008 में अलवर की रहने वाली पोस्टग्रेजुएट अनुपमा जौरवाल से अखिलेश कुमार की शादी हुई।पत्नी अनुपमा की पढ़ाई में रुचि देखकर सिविल सर्विसेज की तैयारी के लिए राजी किया।वे रात में पत्नी को परीक्षा की तैयारी के टिप्स देते और दिन की पढ़ाई का टेस्ट लेता।इसी बीच बेटी भाव्या का जन्म हुआ।अनुपमा की तैयारी डगमगाई, लेकिन फिर मां ने दोनों का साथ दिया।नतीजा, अनुपमा को एक बार फिर तैयारी शुरू कराई और 2011 में उनका चयन आईएएस के लिए हो गया।अनुपमा इस वक्त जैसलमेर में जिलाधिकारी हैं।

आइपीएस अखिलेश कहते हैं कि ग्रामीण परिवेश के चलते स्कूल में छुंट्टी होने पर घर के कामों में भी पिता पूरन लाल का हाथ बंटाते थे।खेत में हल चलाने से लेकर पानी लगाने तक का काम करते थे।वहीं, फसल पकने पर काटने से लेकर घर तक लाने का काम, भैंस के चारे और दूध निकालने तक का काम करते थे।कहते हैं कि प्रतिस्पर्धा हो तो नतीजा भी अच्छा होता है।ऐसा ही अखिलेश कुमार के साथ हुआ।पिता के मौसेरे भाई आइआरएस थे।गांव में उनका रुतबा देखकर मन में मां की इच्छा पूरी करने की भावनाओं को बल मिला। इसके लिए पिता ने भी समय-समय पर प्रोत्साहित किया।उम्मीद की जा रही अखिलेश कुमार जिले में अपराध को रोकने व उसे जड़ से खत्म करने में सफल होंगे।

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