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नोएडा: 9 इंस्पेक्टरों के आईटी सेल में तबादले से थाना प्रभारी बनने की हसरत रह गई अधूरी, छा गई इंस्पेक्टरों में मायूसी
ललित पंडित
गौतमबुद्धनगर: जिले में कमिश्नरी प्रणाली लागू होने के बाद से लगातार नित नए बदलाव देखने को मिल रहे है। कमिश्नरी व्यवस्था लागू होने में बाद से जिले में तैनात इंस्पेक्टरों में भी खुशी की लहर थी. अधिकतम इंस्पेक्टर के मुताबिक अब उनके राज करने के समय की शुरुआत हुई थी.
इंस्पेक्टरों का मानना था कि जल्द ही उनको किसी ठीक जगह चार्ज मिलेगा और उनका जनपद में पोस्टिंग लेने का मकसद भी सफल होगा. मालूम हो कि जनपद के 10 थानों का प्रभार सब-इंस्पेक्टर को दिया हुआ है जबकि 12 थानों पर इंस्पेक्टर तैनात है. कमिश्नरी व्यवस्था के लागू होने के बाद से इंस्पेक्टरों में चार्ज को लेकर खुशी का माहौल था लेकिन बीते दिनों से हो रही आईटी सेल में पोस्टिंग से एक बार फिर से मायूसी छा गयी है. इंस्पेक्टर जहाँ एक तरफ सेल में पोस्टिंग से बचने के लिए प्रयास कर रहे है वही दूसरी तरफ थानों का प्रभार पाने के लिए जुगत में लगे हुए है.
जबकि बीते दिनों कमिश्नर अलोक सिंह ने भी यह बात कही थी कि उनके राज में सब इंस्पेक्टर भी थानाध्यक्ष बने रहेंगे जिनके कार्य ठीक रहेंगे. तबसे इंस्पेक्टर परेशान नजर आ रहे थे. लेकिन अब आईटी सेल में बड़ी तादात में पोस्टिंग होने से सबके मंसूबे एक बार फिर से ध्वस्त होते नजर आ रहे है.
आईटी के मुकदमो की जाँच इंस्पेक्टर ही कर सकते है
9 इंस्पेक्टरों का आईटी सेल में तबादला
आईटी सेल में इंस्पेक्टर की नियुक्ति ज़ोन वार की गई
जबकि कमिश्नरी के 10 थानों की कमान संभाल रहे है सब इंस्पेक्टर
जनपद में ऑनलाइन फ्रॉड के मामलों की संख्या बढ़ती जा रही है. चूँकि ऑनलाइन फ्रॉड के मामलों की जाँच इंस्पेक्टर को ही दी जा सकती है. लेकिन थानों के प्रभार सब-इंस्पेक्टर पर होने के चलते ऑनलाइन फ्रॉड के मुकदमे की विवेचना अभी तक किसी अन्य थाना प्रभारी इंस्पेक्टर को ट्रांसफर की जाती रही है. बीते समय में देखा गया है कि इंस्पेक्टर थाना प्रभारी के पास आईटी/ऑनलाइन फ्रॉड के मुकदमो की विवेचना का लोड बढ़ने से अन्य काम करने में खासी परेशानी देखने को मिलती थी.
इस लिहाज से कमिश्नर अलोक सिंह ने जिले के आईटी सेल में 9 इंस्पेक्टर का तबादला कर आईटी/ऑनलाइन फ्रॉड के मुकदमों की जाँच का प्रभार दिया है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ट्रांसफर किये गए इंस्पेक्टरों को 3 ज़ोन में बाँटा गया है. जोन क्षेत्र के थानों में दर्ज होने वाले ऑनलाइन फ्रॉड/आईटी सेल के मुकदमो की विवेचना ज़ोन पर तैनात इंस्पेक्टर द्वारा की जाएगी. सूत्रों ने बताया कि ज़ोन 1(नोएडा) जिसमे ऑनलाइन फ्रॉड के सबसे अधिक मुकदमे दर्ज किए जाते है पर 4 इंस्पेक्टर, ज़ोन 2(सेंट्रल नोएडा) पर 3 इंस्पेक्टर, ज़ोन 3(ग्रेटर नोएडा) पर 2 इंस्पेक्टर की तैनाती की गई है.
इस आदेश से सेल में तैनाती होने पर इंस्पेक्टरों में एक बार फिर से मायूसी छा गयी है. एक इंस्पेक्टर ने कहा कि अगर थानों पर ही इंस्पेक्टर तैनात कर दिए जाएंगे तो आईटी सेल में किसी की तैनाती की आवश्यकता ही नही रहेगी. जो थाना प्रभारी सब इंस्पेक्टर है वह सेल में आकर धोखाधड़ी के मुकदमो की विवेचना भी कर सकते है. वही एक दूसरे इंस्पेक्टर का कहना था कि व्यवस्था को सुधारने में अभी समय लगेगा. तबादले तो कर दिए गए है लेकिन कहाँ बैठना है कैसे काम करना है इसका कुछ अता पता नही है.
अब यह तो समय ही बतायेगा कि कमिश्नरी बनने के बाद अभी नई प्रणाली लागू करने में थोड़ी दिक्कत तो सामने आएगी लेकिन समय के अनुसार सब बदल जायेगा.