नोएडा

126 करोड़ के जमीन घोटाले मामले में पूर्व प्रमुख सचिव की पत्नी पर सीबीआई की निगाह

Shiv Kumar Mishra
27 Dec 2019 2:16 AM GMT
126 करोड़ के जमीन घोटाले मामले में पूर्व प्रमुख सचिव की पत्नी पर सीबीआई की निगाह
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यमुना प्राधिकरण में जमीन घोटाला पीसी गुप्ता

धीरेन्द्र अवाना

ग्रेटर नोएडा। यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में हुए 126 करोड़ के जमीन घोटाले मामले में अब एक नया मोड़ आया है। इस घोटाले की तह तक जाने और सभी आरोपियों को सजा दिलाने के लिए सीबीआई बड़ी मेहनत कर रही है इसी क्रम में पूर्व प्रमुख सचिव की पत्नी पर सीबीआइ का शिकंजा कस सकता है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पुलिस ने अब तक की जांच में पूर्व प्रमुख सचिव की पत्नी के खिलाफ काफी साक्ष्य इक्कठे किये हैं। ओर तो ओर जिस कंपनी में पूर्व प्रमुख सचिव की पत्नी प्रमोटर हैं उसी कंपनी के नाम घोटाले की रकम ट्रांसफर की गई थी। पुलिस की जांच में घोटाले में शामिल 36 आरोपितों के खिलाफ साक्ष्य मिल चुके है।बात करे आरोपितों की तो इनमें से 12 सरकारी कर्मचारी जबकि अन्य आरोपितों में कुछ अधिकारियों के रिश्तेदार हैं।

आरोपितों की लिस्ट में पूर्व प्रमुख सचिव का साला व एक सेवानिवृत्त आइएएस का बेटा भी है। 21 आरोपितों की सूची इस प्रकार है। पहला नाम सेवानिवृत्त आइएएस पीसी गुप्ता,सुरेश चंद्र शर्मा, संजीव कुमार,संजीव, सतेंद्र चौहान, विवेक जैन, सतेंद्र, सुरेंद्र सिंह, मदन पाल सिंह, अजीत कुमार, जुगेश कुमार,धीरेंद्र सिंह चौहान, निदरेष चौधरी, गौरव कुमार, मनोज कुमार, अनिल कुमार, स्वातिदीप शर्मा, स्वदेश गुप्ता, सोनाली, प्रमोद यादव, निधि चतुर्वेदी।

पूरा मामला को विस्तार से समझा जाये तो इस केस में सरकारी रकम के गबन का होने से प्राधिकरण के तत्कालीन चेयरमैन डा.प्रभात कुमार ने एफआइआर दर्ज कराने के साथ ही इसकी सीबीआइ जांच कराने की संस्तुति करते हुए शासन को रिपोर्ट भेजी थी। सरकार ने भी सीबीआइ जांच के लिए सिफारिश की। लंबे वक्त तक सीबीआइ ने मामला अपने हाथ में नहीं लिया तो गौतमबुद्ध नगर पुलिस की तरफ से शासन को रिमांइडर भेजा गया।उधर सीबीआइ केस को अपने हाथ में लेने से पहले प्राथमिक पड़ताल कर रही थी।

इसी दौरान गाजियाबाद में आरोपितों को मदद पहुंचाने के एवज में रिश्वत लेने के आरोप में सीबीआइ इंस्पेक्टर व प्राधिकरण में तैनात रहा एक तहसीलदार पकड़ा गया था। इस मामले में सीबीआइ के एएसआइ की भी गिरफ्तारी हुई थी। आरोपित इंस्पेक्टर व एएसआइ ने आरोपित तहसीलदार रणवीर से रिश्वत लेकर मदद का आश्वासन दिया था। रिश्वत की एक अलग एफआइआर पहले से सीबीआइ के पास दर्ज है।अब यह दूसरी एफआइआर दर्ज की गई है जिसमें रणवीर भी आरोपित है।

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