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- नोटबंदी के 3 साल बीत...
नोटबंदी के 3 साल बीत जाने के बाद भी भारी संख्या में मिले पुराने नोट, आरोपियों में ग्रेटर प्राधिकरण का बाबू भी शामिल
(धीरेन्द्र अवाना)
नोएडा।अपराध पर लगातार अंकुश लगाने वाली पुलिस को उस वक्त एक बड़ी सफलता मिली जब थाना कासना पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया जो प्रतिबंधित पुराने नोटों को कमीशन पर देकर मुनाफा कमाते थे।आपको बता दे कि जिले में पुलिस आयुक्त के निर्देश पर अपराधियों के खिलाफ लगातार कारवाई हो रही है।इसी क्रम में पुलिस उपायुक्त जोन-3 राजेश कुमार सिंह के नेतृत्व थाना प्रभारी कासना मिली सूचना के आधार पर ओमीक्रोन 1A सोसायटी के पास से ऐसे गिरोह के 11 अभियुक्तों को पकड़ा जिनके पास काफी मात्रा में पुराने नोट थे।इतनी बड़ी संख्या में नोटों को देखकर पुलिस भी हैरत में पड़ गयी। ये गिरोह प्रतिबंधित पुराने नोटों को कमीशन पर देकर मुनाफा कमाता था।
अभियुक्तों की पहचान संजय पुत्र श्यामवीर सिंह निवासी मलपुर सिकन्दराबाद बुलंदशहर,सचिन पुत्र रमेश चन्द निवासी ग्राम लडपुरा कासना गौतमबुद्धनगर,सोनू पुत्र लीलू निवासी ग्राम सलेमपुर गुर्जर कासना गौतमबुद्धनगर,जनकराज पुत्र चन्द्रपाल सिंह निवासी ग्राम दाउदपुर ग्रेटर नोएडा गौतमबुद्धनगर,रविन्द्र कुमार पुत्र सतेन्द्र सिंह निवासी B-63B सैक्टर-36 ग्रेटर नोएडा,मनीष पुत्र किरण पाल सिंह निवासी ग्राम मकोडा ग्रेटर नोएडा गौतमबुद्धनगर,दीपक कुमार पुत्र देवेन्द्र कुमार निवासी F-84 बीटा- 2 ग्रेटर नोएडा गौतमबुद्धनगर, देवेन्द्र शर्मा पुत्र शिवदत्त शर्मा निवासी A-212 गली नं0-9 साउथ गामडी भजनपुरा दिल्ली-53,विवेक उर्फ बोबिन्द्र पुत्र स्व0 सरदार सिंह निवासी गली नं0 6 ग्राम गोपालपुर दिल्ली-09,मनोज उर्फ मनवीर पुत्र जतन चौधरी निवासी H-303 अजनारा डफलोडेन सैक्टर-137 नोएडा और रमेश पुत्र राधे ठाकुर निवासी H-175 सैक्टर बीटा-2 ग्रेटर नोएडा गौतमबुद्धनगर के रूप में हुयी।
जबकि पांच अभियुक्त अभी फरार चल रहे है जिनकी पहचान बिजेन्द्र सिंह उर्फ छंगा व सरदार निवासी वजीराबाद दिल्ली,आरक्षी सचिन बैंसला निवासी गौतमबुद्धनगर और गौतम उर्फ मोटा व सुधांशु जैन निवासी दिल्ली के रुप में हुयी।जिनके कब्जे से चार लाख पचपन हजार रूपये एक हजार व पाँच सौ की पुरानी करेन्सी,एक क्रेटा कार और एक स्कोडा कार बरामद हुयी।पुलिस उपायुक्त जोन-3 राजेश कुमार सिंह ने बताया कि शनिवार को थाना कासना पुलिस द्वारा 11 अभियुक्तों को मय चार लाख पचपन हजार रूपये एक हजार व पाँच सौ की पुरानी करेन्सी के साथ गिरफ्तार किया गया है।
अभियुक्तगण द्वारा एक गैंग बनाकर NCR( दिल्ली, ग्रेटर नोएडा, नोएडा,गाजियाबाद, बुलन्दशहर ) से पुराने बन्दशुदा करन्सी नोट एकत्रित करते हैं और 10-15-20 प्रतिशत कमीशन पर नये नोट बदलकर देने का कार्य करते हैं।आगे उन्होंने बताया कि अभियुक्त संजय,सचिन ,सोनू , जनकराज के साथ मिलकर दिल्ली निवासी देवेन्द्र शर्मा,सुधाशू जैन,विवेक उर्फ बोवेन्द्र से पुरानी करन्सी लेते थे।
वही देवेन्द्र शर्मा व गौतम उर्फ मोटा वजीराबाद दिल्ली निवासी बिजेन्द्र सिंह उर्फ छंगा,गौतम उर्फ मोटा तथा सरदार से पुरानी करन्सी लेता है। दीपक व सचिन बैसला(आरक्षी) मिलकर रविन्द्र जोकि ग्रेटर नोएडा अथोरिटी में बाबू (अस्थायी)के पद पर कार्यरत है तथा मकोडा निवासी मनीष को पुराने नोट देते हैं और रविन्द्र और मनीष पुराने नोट लेकर नये नोट देने का काम करते हैं।रविन्द्र और मनीष पुराने नोटों को रमेश नामक व्यक्ति जोकि बीटा-2 ग्रेटर नोएडा में ई-टिकटिंग आदि का कार्य करता है को बदलने के लिए देते हैं।
आरोपियों के खिलाफ धारा 5/7 विनिर्दिष्ट बैंक नोट अधिनियम 2017 के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है।सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यादव सिंह प्रकरण में भी इस बाबू से सीबीआई ने पूछताछ की थी।पुलिस को उम्मीद है कि आरोपित के पास और भी पुराने नोट हो सकते हैं।आरोपित के खिलाफ मामला दर्ज कर पुलिस जांच में जुट गई है।नोट कहां से आए थे और बाबू ने यह नोट अभी तक अपने पास क्यों रखे थे?साथ ही इससे जुड़े अन्य सवालों का जवाब जानने के लिए पुलिस आरोपित से पूछताछ कर रही है।