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बीजेपी में सांसद सुरेन्द्र नागर का कद तय करेगा आज स्वागत समारोह
आकाश नागर
कभी गौतमबुद्ध नगर में सुरेंद्र नागर के इर्दगिर्द राजनितिक परिकर्मा होती थी। यह उन दिनों की बात है जब वह समाजवादी पार्टी में हुआ करते थे। इससे पहले जब नागर बसपा में थे तो गौतमबुद्ध नगर की राजनीति में उनका डंका बजता था। तब लोग इतना मायावती को भी नहीं मानते थे जितना यहां की स्थानीय राजनीति में नागर को तरजीह मिलती थी। लेकिन अब हालात बदल चुके है। अब सुरेंद्र नागर भाजपा में जा चुके है।
भाजपा में राजनीति के कई धुरंदर पहले से ही पार्टी में जमे हुए है। ऐसे में सवाल यह है कि नागर भाजपा में अपना कद कितना बढ़ा पाएंगे। इसका पता आज उनके स्वागत समारोहों में जुटने वाली भीड़ को देखकर लगाया जायेगा। गौरतलब है की आज सुरेंद्र नागर भाजपा के राज्यसभा सदस्य चुने जाने के बाद पहली बार लाल कुआँ गाजियाबाद से लेकर गौतमबुद्ध नगर जिले के दर्जनों स्वागत समारोहों से अपने गृह जनपद बुलंदशहर के गुलावठी में पहुंचेंगे।
ऐसे में यह देखना होगा की भाजपा की पश्चिमी उत्तर प्रदेश खासकर गौतमबुद्ध नगर की राजनीति में सुरेंद्र नागर कितना वजूद बना पाएंगे। भाजपा में इस समय पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद डॉ महेश शर्मा का पलडा भारी है। चाहे गुर्जर समाज हो या नॉन गुर्जर समाज सभी समाज के लोग शर्मा से जुड़े हुए है। इसके अलावा भाजपा में शर्मा के अलावा एक गुट उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री और दादरी के विधायक रहे नवाब सिंह नागर का भी है।
नागर का सौम्य व्यव्हार अभी भी सब पर भरी है। नवाब फ़िलहाल प्रदेश में राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त है। उन्हें डॉ महेश शर्मा का धुर विरोधी कहा जाता है। जबकि लोकसभा चुनावो से पूर्व समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता नरेंद्र भाटी के भाई बिजेंद्र भाटी भी सपा छोड़कर भाजपा में जा चुके है। हालांकि बिजेंद्र को भाजपा में भेजने का सारा प्लान नरेंद्र भाटी का ही था। लेकिन वह अपने एमएलसी की सीट को बचाए रखने के लिए औपचारिक रूप से समाजवादी पार्टी में ही है।
इसमें दो राय नहीं कि सुरेंद्र नागर का पश्चिमी उत्तर प्रदेश के गुर्जरो की राजनीति में बड़ा कद है। चाहे गौतमबुद्ध नगर के लोग हो या गाजियाबाद मेरठ या बुलंदशहर सभी में उनकी पोल्टिकली इम्पैक्ट है। जब वे बसपा में रहे तब भी और जब सपा में रहे तब भी उनका गुर्जर समाज का वोट बैंक उनके साथ जुड़ा रहा है। लेकिन गुर्जर समाज में फिलहाल सुरेंद्र नागर के लिए सबसे बड़ी चुनौती नवनियुक्त राज्य मंत्री (सवतंत्र प्रभार ) अशोक कटारिया बने हुए है। कटारिया को भाजपा की योगी सरकार में हाल में ही परिवहन मंत्री बनाया गया है। कटारिया भी पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बिजनौर निवासी है। कटारिया का हालाँकि जनता से सीधा संवाद नहीं है लेकिन वह संघ के सक्रीय नेताओ में सुमार रहे है।
जैसे आज सुरेंद्र नागर का लालकुंआ से लेकर गुलावठी तक स्वागत समारोह है, ऐसे ही परिवहन मंत्री अशोक कटारिया का कल स्वागत कार्यक्रम आयोजित हुआ था। यह कार्यकर्म भी लालकुंआ से शुरू होकर गुर्जर बाहुल्य क्षेत्रों से गुजरा था। जिसमे स्थानीय लोगो खासकर गुजरो की संख्या बहुत ज्यादा देखी गई थी। ऐसे में आज यह देखना होगा की गुर्जरो के इसी इलाके से गुजरने वाली सुरेंद्र नागर स्वागत यात्रा में कितनी भीड़ उमड़ती है ?