प्रयागराज

मौनी अमावस्या पर 1 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में लगाई आस्था की डुबकी, हेलीकॉप्टर से होती रही पुष्पवर्षा

Shiv Kumar Mishra
24 Jan 2020 1:23 PM GMT
मौनी अमावस्या पर 1 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में लगाई आस्था की डुबकी, हेलीकॉप्टर से होती रही पुष्पवर्षा
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मौनी अमावस्या पर संगम में लगाई करोड़ों ने डुबकी

शशांक मिश्रा

देश विदेश के कोने-कोने से करोड़ों श्रद्धालुओं, संत-महात्माओं, गॉव की झोपड़ियांे से लेकर विभिन्न वेष-भूषा, बोल-चाल और रंग-ढ़ंग के इस राष्ट्र की भावनात्मक एकता के प्रतीक प्रयागराज के माघ मेले में मौनी अमावस्या पर आज करोड़ों श्रद्धालुओं, स्नानार्थियों ने विभिन्न घाटों पर स्नान कर माघ की गरिमा को महिमामंडित किया। अपनी वेश-भूषा में देश और प्रदेश के ग्रामीण परिवेश के वृद्ध पुरुष, महिलायें, युवा सभी उम्र के लोगों का हुजूम निरंतर आता रहा। भारतीय जन-जीवन, आध्यात्मिक चिंतन और विभिन्न भारतीय संस्कृति की सरिता का संगम माघ मेले में दिखाई दिया।

मेला प्रशासन ने बताया कि स्नान के लिए बनाये गये 20 घाटों पर सायं 5:30 बजे तक लगभग 1 करोड़ श्रद्धालु संगम में डुबकी लगाकर माघ मेला के साक्षी बने। अभी रात्रि तक स्नान जारी रहने की संभावना है, लोग लगातार स्नान कर रहे हैं।




संगम पर लोगों ने शुभ-मुहूर्त के शुभारम्भ से ही डुबकी लगानी शुरु कर दी। ठण्ड पर लोगों की आस्था का सैलाब भारी रहा। संगम क्षेत्र के चतुर्दिक क्षेत्रों में रात्रि से ही आस्था और श्रद्धा का जनसैलाब उमड़ने लगा। इस मौनी अमावस्या पर हर श्रद्धालु में जबरदस्त जोश व उत्साह देखने को मिला। कम से कम पैदल दूरी पर चलकर श्रद्धालुओं ने स्नान किया। मेले में किसी भी क्षेत्र से किसी अप्रिय घटना की जानकारी नहीं मिली। मेला प्रशासन पूरी तैयारी के साथ चप्पे-चप्पे पर नज़र रखते हुए श्रद्धालुओं को विनम्रता के साथ मार्गदर्शन करते हुए सुरक्षित गन्तव्य तक भेजता रहा।



मेला क्षेत्र से लेकर प्रयागराज नगर के विभिन्न सड़कों पर भी कंधे पर बैग, हाथों में बच्चों व एक दूसरे का हाथ थामे लोग गंगा मईया का जयकारा लगाते हुए संगम तट की ओर पैदल ही डग भरते रहे। बस स्टेशनों और रेलवे स्टेशनों पर सुरक्षा सहित श्रद्धालुओं को निर्धारित बसो/ट्रेनों पर बैठाने की सुव्यवस्थित व्यवस्था पुलिस/रेलवे बल द्वारा की गई ।

मौनी अमावस्या पर निरन्तर हेलिकॉप्टर द्वारा स्नानार्थियों/श्रद्धालुओं, संत महात्माओं पर पुष्प वर्षा की गयी। साथ ही हेलीकॉप्टर से मेले की निगरानी भी की जाती रही।

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