प्रयागराज

महामना प्रेरणा के अक्षय स्रोत हैं: प्रो. रतनलाल हाँगलू

Special Coverage News
25 Dec 2018 4:55 PM GMT
महामना प्रेरणा के अक्षय स्रोत हैं: प्रो. रतनलाल हाँगलू
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शशांक मिश्रा

आज अखिल भारतीय मालवीय सभा , प्रयागराज के तत्वावधान में कीडगंज स्थित मिंटो पार्क में मालवीय की 157 वीं जयंती का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मिंटो पार्क के प्रवेश द्वार पर पंडित मदनमोहन मालवीय की 20 फीट ऊंची और 12 फीट चौड़ी कलाकृति का उद्घाटन इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कुलपति और कमिश्नर प्रयागराज द्वारा किया गया।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में बोलते हुए प्रयागराज के कमिश्नर डॉ आशीष गोयल ने कहा कि महामना हमेशा भारत के लिए प्रासंगिक रहेंगे। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि शिक्षा के क्षेत्र में महामना के किए हुए कार्य हमेशा हमारा मार्गदर्शन करेंगे। कार्यक्रम में आमंत्रित वक्ता के रूप में इलाहाबाद विश्वविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर चितरंजन कुमार ने कहा कि महामना के जीवन से हमें आत्मबल और संकल्प शक्ति की ताकत का एहसास होता है। महामना ने अपने आत्मबल और संकल्प शक्ति के कारण ही असंभव लगने वाले कार्यों को संभव कर दिखाया।

इस समारोह की अध्यक्षता करते हुए इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर रतनलाल हाँगलू ने कहा कि महामना अक्षय ऊर्जा और प्रेरणा के स्रोत हैं । उन्हें देख कर मुझे निरंतर काम करने की प्रेरणा और ऊर्जा मिलती है। कुलपति ने कहा कि जब हम मदन मोहन मालवीय की चर्चा करते हैं तो उन्हें काशी हिंदू विश्वविद्यालय तक समेट देते हैं। जबकि महामना बहुत बड़े पत्रकार भी थे। एक राजनेता भी थे । उन्होंने अभ्युदय, हिंदुस्तान और लीडर जैसे अखबारों का संपादन किया तथा देश के लिए तथा समाज सुधार के लिए भी अथक प्रयास किया। मालवीय जी ने अपने पूरे जीवन में बिना रुके और बिना थके परोपकार और जनसेवा का काम किया। जबकि आज का समाज आत्म केंद्रित हो गया है। महामना भारत के उन पुरुषों में है जो समाज को देना जानते हैं पर बदले में समाज से कुछ लेते नहीं। इस कार्यक्रम का संचालन प्रयागराज के डिस्ट्रिक्ट फारेस्ट ऑफिसर यज्ञेशवर प्रसाद शुक्ला ने किया. कार्यक्रम में गांधी भवन के शोध अध्येता डॉ राजेश सिंह की पुस्तक' सामाजिक क्रांति के प्रणेता पंडित मदन मोहन मालवीय ' का विमोचन भी हुआ।

कार्यक्रम में शहर के कई गणमान्य सदस्यों के अलावा विश्वविद्यालय के कई पदाधिकारी और वरिष्ठ प्रोफेसरों की उपस्थिति भी रही। प्रोफेसर रामसेवक दुबे, डॉक्टर सुनील कांत मिश्र, प्रोफेसर शशिकान्त राय, डॉ. शैलेंद्र राय,प्रो. राधेश्याम सिंह आदि लोग उपस्थित रहे।

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