रायबरेली

न घरों में लाइट है, न सड़को पर निकल सकते है आप! क्योंकि मुख्यमंत्री जी आये है रायबरेली में!

Special Coverage News
28 Aug 2019 4:46 AM GMT
न घरों में लाइट है, न सड़को पर निकल सकते है आप! क्योंकि मुख्यमंत्री जी आये है रायबरेली में!
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मुख्यमंत्री का आगमन, जिले में अघोषित कर्फ्यू सा मौहाल, सोशल मीडिया पर एक ही नारा मुख्यमंत्री जी अब न आना रायबरेली।

धीरज श्रीवास्तव पत्रकार

रायबरेली। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्रियों के सरकारी से लेकर निजी दौरे सदैव हुए है, लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आज हुआ दौरा शहरवासियों को पिछले हफ्ते से शूल की भांति ऐसा चुभा की गरीबो के कच्चे घर उजाड़े गए, मासूम बच्चे बिन छतों के उमसभरी गर्म और धूप को बर्दास्त करने पर विवश किये गए, तो एक समय की रोजी रोटी के लिये पटरी, रेहड़ी लगाकर जीविका चलाने वाले सैकड़ो दुकानदार भी प्रशासन और नगरपालिका की कोपदृष्टि के शिकार होकर भूख से बिलबिला उठे । मुख्यमंत्री के आगमन को देखते हुए डिग्री कालेज से नेहरू नगर क्रासिंग तक बनाई गई सड़क की गिट्टियां आज ही उखड़ने लगी, तो वही दूर दराज़ ग्रामीण इलाकों से इलाज के लिये आने वाले लोग सरकारी अस्पताल से लेकर निजी नर्सिंग होम तक नही पहुच पाए और गम्भीर रोगों से पीड़ितों को चिकित्सको की सलाह पर इलाज के लिए लखनऊ जाने के लिये साधनों के अभाव का सामना करना पड़ा । पूरा शहर कर्फ्यू जैसे हालात में उमस भरी तेज धूप की गर्मी में बिन बिजली के घरों में कैद होने को विवश किया गया। रायबरेली में वीवीआईपी राजनेताओ प्रधानमंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक का आवागमन सदैव होता रहा, लेकिन यहां जनमानस के रोजमर्रा के जीवन पर कभी कोई दुप्राभाव नही पड़ा। किन्तु मुख्यमंत्री योगी के आगमन से यहां का जनजीवन कराह उठा और लोग बोल पड़े की मुख्यमंत्री जी अब कभी मत आना। 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के महानायक राणा बेनी माधव के भाव समर्पण समारोह में पधारे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आगमन को लेकर प्रशासनिक अमला मानवीय संवेदनाओं को तार तार कर बैठा। उनके आगमन के एक सप्ताह पूर्व से लेकर आज रहने तक शहर ने ऐसा तांडव देखा जो जनपद के इतिहास में कभी किसी ने नही देखा। लोकतांत्रिक व्यवस्था में स्वामी जनता के मतों से चुनी गई भारतीय जनता पार्टी की राज्य सरकार के मुखिया योगी लोकतंत्र के नही राजतन्त्र के अंग के रूप में एक राजा की भांति आये और प्रजा कराह उठी। पूरा शहर अघोषित कर्फ्यू के साये में दिनभर घरो में कैद होने को विवश हुआ बिन बिजली के बच्चे, बूढ़े, महिलाएं घरो में भीषण गर्म में बिलबिला उठे । प्रशानिक अमला मुख्यमंत्री के दौरे के लिये आनन फानन में बनवाई गई सड़के उनके काफिले के बोझ को उठाने में असमर्थ दिखी और उखड़ने लगी। सड़को को बनवाने में जनता के धन की भी बंदरबांट हुई यह उनकी दुर्दशा देखकर पता चल गया कि कल रात तक जिन सड़को को चिकनी चुपड़ी किया गया उनकी गिट्टियां बाहर आ गयी।

हर चौराहे पर बैरिकेटिंग

सुरक्षा के तमाम ताम झाम के साये में मुख्यमंत्री के आगमन को लेकर शहरियो को बुरी तरह उत्पीड़ित किया गया । हैलीपेड से लेकर कार्यक्रम स्थल तक हर चौराहा पुलिस की सुरक्षा के अंतर्गत रहा। चौराहों को बेरिकेटिंग की गई, यही नही उन रास्तो चौराहों को भी सुरक्षा के कारण पुलिस की सख्त निगरानी में रखा गया जिधर उनको जाना ही नही था। पुलिसकर्मियों ने घरो के दरवाजे तक को खुलने नही दिया। अघोषित कर्फ्यू से शहर थम से गया था, ऐसा पहले कभी किसी प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री के आगमन पर नही हुआ ।

राजतंन्त्र के उत्तराधिकारी -योगी

शहर में आमजनमानस में यह चर्चा खूब रही है कि योगी जी लोकतांत्रिक व्यवस्था के मुख्यमंत्री के रूप में नही बल्कि एक राजा की भांति यहां आए। प्रशासन ने उनके ठाट बाट में कोई कमी न आने पाए उसके लिये पूरे शहर के गरीब, पटरी दुकानदारों को उजाड़ दिया। डिग्री कालेज से नेहरू नगर क्रासिंग तक लगे हरे पेड़ो पर कुल्हाड़ी खुलकर चली। कोई चूक न होने पाए उसके लिये अघोषित कर्फ्यू लगाया गया। कई जनपदों से पुलिस, पीएसी बल बुलाया गया। एक राजा की तरह सभी व्यवस्थाये की गई, मुख्यमंत्री के आगमन की व्यवस्थाओं में शहर का हर व्यक्ति सिंसकता रहा लेकिन एक संत योगी के जीवन से सत्ताधीश बने राजा आदित्यनाथ ने वर्तमान राजनीति और लोकतांत्रिक मूल्यों के मर्म को समझा दिया कि रामराज के नाम पर योगी राज में लोकतांत्रिक मूल्यों का कोई स्थान नही है ।

प्रशासन के विरुद्ध विपक्ष भी मौन

मुख्यमंत्री के शहर आगमन पर जिस तरह प्रशासन ने शहर में गरीबो की रोजी रोटी से खिलवाड़ किया, गरीबो की झोपड़ियों पर जिस प्रहार किया, हरे पेड़ो को तहस नहस करने के साथ सड़क निर्माण में घपला किया। शहरियो को पूरे दिन अघोषित कर्फ्यू में घरो में कैद रहने को मजबूर किया। उसका भाजपा छोड़िये सपा, बसपा, कांग्रेस के जिला नेतृत्व ने विरोध दर्ज कराना भी उचित नही समझा, पूरा विपक्ष मौन धारण किये बैठा रहा। प्रशसनिक उत्पीड़न पर जनता की सब ओर से अनदेखी हुई।

सपाईओ की गिरफ्तारी, जमानत पर रिहाई

मुख्यमंत्री के आगमन से पूर्व जिले के नौ सपाई की 151 में गिरफ्तारी हुई। जिनमे नगर अध्यक्ष पारुल बाजपेयी सहित अखिलेश माही, राहुल निर्मल, आशीष चौधरी, रंजीत यादव, सतीश यादव, लल्ला मिश्रा, जितेंद्र, व अन्य एक को सुबह अलग अलग स्थान से एस ओ जी ने गिरफ्तार कर पुलिस लाइन में रखा, शाम लगभग 4.30 पर कोतवाली से सिटी मजिस्ट्रेट के यहाँ से जमानत पर रिहाई मिली।

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