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एमएलसी दिनेश प्रताप सिंह ने किया रायबरेली मामले का खुलासा, बताया कैसे पलटी विधायक अदिति सिंह की गाडी
लखनऊ: एमएलसी दिनेश प्रताप सिंह द्वारा प्रेस के समक्ष अपना पक्ष रखा गया है. दिनांक 14 मई 2019 को जनपद रायबरेली के जिला पंचायत अध्यक्ष के विरूद्ध अविश्वास प्रस्ताव पर घटित घटनाक्रम को गलत तरीके से राजनैतिक फायदा लेने के उद्देश्य से कांग्रेस और सपा के नेताआंें ने मीडिया के समक्ष प्रस्तुत किया। किन्तु सच्चाई यह है कि कई सप्ताह पूर्व श्रीमती प्रियंका गांधी द्वारा रायबरेली के लगभग 20 जिला पंचायत सदस्यों को बहला-फुसला कर लोभ, लालच देकर मध्य प्रदेश के कांग्रेस महासचिव अजय सिंह के उमरिया स्थित होटल रायल पैलेस तारा-मानपुर में मध्य प्रदेश पुलिस की पहरेदारी में बंधक बनाकर रखा गया। इन सभी सदस्यों के फोन इनसे छीन लिये गये। दिनांक 13 मई 2019 को आधी रात को मध्य प्रदेश पुलिस की अभिरक्षा में उत्तर प्रदेश की सीमा तक पहुंचाया गया। उसके बाद कांग्रेस के दबंग लोगों के हवाले कर दिया गया और सदस्यों को उनके मोबाइल फोन वापस कर दिये गये।
उन्होंने बताया जैसे ही सदस्य जिला पंचायत उत्तर प्रदेश की सीाम पर पहुंचे और फोन पाये अपने परिजनों से संपर्क साधना शुरू किया गया और कांग्रेसी दबंगो के चंगुल से छूटने का प्रयास शुरू किया। रास्ते में जहां भी जिला पंचायत सदस्यों के परिजन पहुंच सके वहां सदस्यों ने गाड़ी से उतार कर अपने परिजनों के साथ हो लिये। जैसे फतेहपुर में जितेन्द्र सोनकर गाड़ी से कूद कर अपने परिजनों के साथ हो लिये। वैसे उन्नाव जिला पंचायत सदस्य मो0 इस्माइल अपने परिजनों को पाते ही गाड़ी से कूद पड़े और अपने परिजनों के साथ भाग खड़े हुए। इसी प्रकार कुछ जिला पंचायत सदस्यों को यह पता था कि लखनऊ रायबरेली राजमार्ग पर पड़ने वाले टोल प्लाजा पर गाड़िया धीमी होगी। वहां पर कई जिला पंचायत में सदस्यों ने अपने परिजनों व समर्थकों को गाड़ियों सहित बुला रखा था। जहां जिला पंचायत सदस्यों उनके परिजनों एवं कांग्रेस, सपा के दबंगों के बीच जिला पंचायत फायदा उठाने के उद्देश्य से मुझ पर व मेरे परिजनों व भाजपा के कार्यकर्ताओं पर झूठा आरोप मढ़ा गया।
इसी प्रकार रायबरेली सदर की विधायक अदिति सिंह लखनऊ से रायबरेली जा रही थी कि कठवारा से आगे राष्ट्रीय राजमार्ग पर एक पतली सड़क नया पुरवा से आकर हाईवे पर मिलती है जो दूर से कम दिखाई पड़ती है। उस पतली सड़क से एक मोटरसाइकिल अचानक हाईवे पर आ गई और विधायक की गाड़ी जो बहुत अधिक गति में थी अनियंत्रित होकर पहले एक राहगीर की गाड़ी संख्या-यूपी-32 एफ.एन 9137 हाॅडा अमेज ने टक्कर मारी जो दुर्घटना ग्रस्त हो गई। उसके बाद विधायक के पीछे चल रही उन्हीं की गाड़ियों ने विधायक की गाड़ी में जोरदार टक्कर मारा जिससे विधायक की गाड़ी पलट गई और उन्हीं की टक्कर मारने वाली गाड़ी भी पलट गई। जिसमें विधायक को मामूली चोटें आई और विधायक की गाड़ी में बैठे जिला पंचायत सदस्यराकेश अवस्थी को भी चोटें आई। इन दोनों लोगों को विधायक की गाड़ी से आस-पास के लोगों ने दौड़कर निकाला। किन्तु इस दुर्घटना में भी लोग राजनैतिक रोटियां सेक रहे है। सरकार को बदनाम करने की चालें चली जा रही है।
उन्होंने कहा की राजनैतिक फायदा उठाने का प्रयास किया जा रहा है और इस दुर्घटना में चोटिल लोगों की ओर से मारपीट की झूठी शिकायते कराकर सरकार को बदनाम करने के प्रयास किये जा रहे है। जबकि रायबरेली में किसी भी प्रकार किसी से भी मारपीट की घटना इस पूरे प्रकरण में नहीं हुई। मैंने पूरी जानकारी की है। सुरक्षा व्यवस्था में भी कोई चूक नहीं हुई। जहां पर जिला पंचायत में मतदान होना था प्रशासन की ओर से पुख्ता इंतजाम किये गये थे किन्तु अविश्वास प्रस्ताव पारित होने के लिये कुल 27 सदस्यों की आवश्यकता को कांग्रेस पूरा नहीं कर पाई इस कारण अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान करने नहीं गये। इसमें फेल होने के अपमान से बचने के लिए अनावश्यक प्रायोजित आरोप पार्टी कार्यकर्ताओं और सरकार पर लगाये जा रहे है। फिर भी उच्चाधिकारियों से जाॅच कराई जा रही है। कार्यवाही उन पर भी होगी जो सिर्फ सरकार को बदनाम करने के झूठे आरोप लगा रहे है।