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रामपुर जाएंगी डिंपल, उधर अमर सिंह जुटे इस तैयारी में!
एक वक्त रामपुर चाकुओं की वजह से जाना जाता था. अब बाद में आजम खान की वजह से जाना जाने लगा है. आजम खान वाकपटुता और धारदार तेवर के लिए जाने जाते हैं. इस वक्त आजम का सदन में अपनी एक अमर्यादित टिप्पणी की वजह से सुर्खियों में है.
कुछ लोग यह सवाल उठा रहे हैं कि आखिर अखिलेश यादव किस मजबूरी में आजम को समाजवादी पार्टी का चेहरा बनते जाने की छूट दिए हुए हैं. कहा जा रहा है आजम खान के सांसद बन जाने के बाद उनकी खाली हुई विधानसभा की सीट से डिंपल यादव चुनाव लड़ सकती हैं. डिंपल यादव कन्नौज से सांसद हुआ करती थी. लेकिन इस बार चुनाव हार गई. अखिलेश यादव के सामने उनके समायोजन के लिए एक विकल्प यह है कि अगले साल में उन्हें राज्यसभा भेज दे. लेकिन दिक्कत यह है कि राज्यसभा के लिए उनके पास मात्र एक कोई भेजने के लिए वोट हैं और अगर वह अपनी पत्नी को भेज देते हैं तो पार्टी के अंदर गलत संदेश जा सकता है. पार्टी को पहले ही कई नेताओं के इस्तीफा का झटका लग चुका है.
ऐसे में विधानसभा भेजने का विकल्प बेहतर है. आजम खां की विधानसभा वाली सीट कहीं ज्यादा सुरक्षित है. एक तो मुस्लिम वोटर्स की बड़ी तादाद है. दूसरे आजम खां की परंपरागत सीट है. जहां से वह लगातार चुनाव जीतते रहे. आज अपनी सीट से डिंपल को चुनाव जिता कर पार्टी में अपनी स्थिति और मजबूत करना चाहेंगे.
उधर डिंपल रामपुर से चुनाव लड़ती है. तो अमर सिंह एक बार फिर जयाप्रदा को मैदान में उतार सकते हैं. उन्हें आजम का अखिलेश यादव दोनों से ही अपना हिसाब चुकता करना है. हिसाब बराबर करने के लिए यह उनके लिए सबसे बेहतर मौका बन सकता है. जहां एक तीर से दोनों शिकार घायल हो जाएंगे. अगर जयप्रदा विधानसभा का चुनाव रामपुर से जीत जाती हैं. तो वरना जयाप्रदा के आने से चुनाव तो रोचक हो ही जाएगा और आजम के लिए आराम से जीतने वाली चाहत नहीं रह पाएगी.