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- आज़म खान अभी भी चड्डी...
लोकसभा चुनाव के दौरान जिस तरह से आज़म खान ने बीजेपी उम्मीदवार पर हमला किया था उससे एक बात तो साफ़ थी कि अब आज़म खान की कमियों की फेहरिस्त जरुर बनेगी और वो कितनी लंबी बनेगी कहा नहीं जा सकता क्योंकि यह फेहरिस्त हार जीत पर टिकी हुई थी. इस दौरान उनकी किस्मत उनको दगा दे गई और वो चुनाव जीत गए. अब उनका कच्चा चिठ्ठा खुलने की बारी आना तय था.
धीरे धीरे उनके रिकार्ड खंगालने शुरू हो चुके थे क्योंकि अंदर की बात पहले आज़म खान बाहर लाये थे. उन्होंने चुनाव के दौरान जब मंच से बीजेपी उम्मीदवार पर हमला बोला और बोले उन्हें उनकी चड्डी का रंग पता है और वो यह कहकर अब घिर चुके थे. लेकिन अपनी मुंहफट बात कहने के आदि आज़म खान अपना पहला कसूर कर बैठे थे अब उसका परिणाम मिलना तय था. चूँकि इस देश में बड़े पद पर पहुंचने वाला हर व्यक्ति कहीं न कहीं घिर जाता है.
आपको बता दें कि जब गोरखपुर सांसद होने के दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ लोकसभा सदन में सरेआम फूट फूट कर रोये थे. तब उस दिन किसने सोचा था कि कभी योगी जी सीएम बन जायेंगे. लेकिन तत्कालीन सीएम ने उन्हें जिस दिन प्रताड़ित किया था उस दिन योगी जी की गलती थी की नहीं यह तो उन्हें ही जानकारी होगी. लेकिन अगर अब आज़म खान के खिलाफ कार्यवाही को गलत मानने वाले उस दिन खामोश क्यों थे?
दूसरी बात आज आज़म खान के खिलाफ उनके द्वारा प्रताड़ित किये गये लोग है जो लगातार सपा सरकार में भी कोर्ट ओर राज्यपाल के चक्कर लगा रहे थे. उन पीड़ितों को अब मौका मिल गया और उन्होंने फ्री हिट बोल फेंक दी जिसको इंतजार था उसने लपक ली है और दनादन आउट कर रहा है लेकिन उसके साथ वो भी लगातार अपील किये जा रहे है.
इस दौरान फिर उनसे एक बड़ी चूक लोकसभा सदन में हो गई जिसको लेकर पूरे लोकसभा सदन के महिला सांसद उनके खिलाफ खड़ी हो गई. जिससे उनका मनोबल भी गिरा और उनकी छीछालेदर भी बहुत हुई उधर उनके यहाँ अब चोरी की किताबें भी पकड़ गई. अब लोकसभा देखें कि विधानसभा उपचुनाव देखें या फिर चड्डी का रंग?