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- शामली में डीजीपी ने...
शामली में डीजीपी ने किया एसपी कार्यालय का उद्घाटन, त्योहारों को लेकर दिए ये निर्देश
शामली। जिला बनने के बाद 2011 से अपने स्थायी घर को तरस रही जिला पुलिस को आखिर अपना घर मिल ही गया। आज राज्य के पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने खुद शामली पधारकर लगभग सवा दो करोड़ की लागत से बने पुलिस अधीक्षक कार्यालय का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने अपने युवा जिला कप्तान की जमकर सराहना भी की।
ज्ञात हो कि बसपा के शासन काल में 2011 को शामली अलग जनपद के रूप में अस्तित्व में आया था, लेकिन तब से अब तक वहां दर्जनों पुलिस कप्तान आये और आकर चले गये, लेकिन पुलिस को अपना स्थायी घर नहीं मिल सका था। जनपद को पुलिस मुख्यालय मिलने से जहां पुलिस महकमें में खुशी की लहर है, वहीं जनपद के लोगों के चेहरे की रौनक भी बढ़ गयी है।
इस अवसर पर अपने सम्बोधन में सूबे के पुलिस मुखिया ओपी सिंह ने पुलिस अधीक्षक अजय कुमार की गुड़ पुलिसिंग की जमकर तारीफ करते हुए कहा कि अजय कुमार की कार्यशैली वास्तव में अद्वितीय है। इनकी विशिष्ट कार्यशैली के चलते ही महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य हुआ है। इसके साथ ही क्षेत्र में अपराधों में भारी कमी आयी है। डीजीपी ने अजय कुमार की इस बात के लिए भी सराहना की, कि उन्होंने स्कूल-कालेजों में अभियान चलाकर जो जागरूकता अभियान चलाया है, उसका सीधा असर जनपद के क्राईम कंट्रोल के रूप में देखने को मिल रहा है। इसके साथ ही शोहदों के हौंसले पस्त करने के लिए अजय कुमार ने अपने लंच का त्याग करके लड़कियों को मन से मजबूत करने के लिए जो अभियान चलाया है, वह भी काबिले-तारीफ है। उसी का नतीजा है कि जनपद में चेन स्नेचिंग से लेकर छेड़छाड़ की वारदातें लगभग शून्य हो गयी हैं। सूबे के पुलिस मुखिया ओपी सिंह ने कहा कि एक समय था, अपराध के मामले में शामली का नाम सबसे ऊपर आता था, लेकिन अब स्थिति बदल गयी है। आज पुलिस की बदली कार्यशैली से ऐसा माहौल बनाया है व्यापारी अपना कारोबार भयमुक्त होकर कर रहे हैं। इससे न केवल कैराना का, बल्कि प्रदेश भर में भयमुक्त माहौल है और किसी को किसी से डरकर पलायन करने की जरूरत ही नहीं है।
पुलिस महानिदेशक ने कहा कि जुलाई माह में 24 लाख बेटियों को सशक्तिकरण के तहत ट्रेनिंग दी जा चुकी है और 12 हजार बदमाश पकड़े जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस मारने में विश्वास नहीं रखती, लेकिन जब पुलिस पर गोली चलती है तो जवाब देना पड़ता है। पुलिस ने कई इनामी अपराधियों को पुलिस ने मुठभेड़ में ढेर किया है। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष की अपेक्षा अब 32 प्रतिशत डकैती, लूट और बलात्कार की घटनाओं में कमी आई है। पूरे प्रदेश में अपराधियों की 200 करोड़ की संपत्ति जप्त की गई है। डीजीपी ने कहा कि वेस्ट यूपी गेटवे ऑफ यूपी है। प्रदेश में आने वाले रास्ते वेस्ट यूपी से होकर गुजरते हैं, लेकिन अपराधों के भय यह रास्ते बेहद गंदे तरीके से बंद हो चुके थे। उन्होंने कहा कि विगत दो-ढाई साल में प्रदेश में भय का माहौल खत्म हुआ है और सुरक्षा का माहौल बना है। उन्होंने कहा कि इसी का नतीजा है कि वेस्ट यूपी में उद्यमियों का रुझान बढ़ा है। कई फैक्ट्रियां और नये-नये कारोबार विकसित हो रहे हैं। प्रदेश में अपराध खत्म करने की पुरजोर कोशिश की जा रही है।
डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने पुलिस का बजट अट्ठारह हजार करोड़ से बढ़ाकर 24 हजार करोड़ कर दिया है। इससे पुलिस एवं पीएसी कर्मियों के लिए आवासीय समस्या का समाधान होगा। उन्होंने कहा कि जनपद में जल्द ही यहां पर पुलिस लाइन का उद्घाटन मुख्यमंत्री से कराने के प्रयास किए जाएंगे और पुलिस लाइन जल्द ही अस्तित्व में आ जाएगी। उन्होंने बताया कि पीएसी बटालियन के लिए जमीन देख ली गई है। इस कार्य में भी तेजी लायी जायेगी। पुलिस महानिदेशक ने कहा कि शामली छोटा जनपद होने के बावजूद संवेदनशील है। इसी के चलते यहां पूरी नजर रखी जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की पुलिस ने अपने व्यवहार में भी परिवर्तन किया है। उनके द्वारा थर्ड पार्टी से कराए गए सत्यापन में यूपी पुलिस मैं अफसरों से लेकर कांस्टेबल तक 40 प्रतिशत कर्मचारियों के व्यवहार मी सुधार आया है। मुख्यमंत्री की प्राथमिकताओं वाले सभी कार्यक्रम प्रभावी रूप से चलाएं गए हैं।
इस अवसर पर उन्होंने परिसर में एक पौधा भी रौपा और छात्राओं को प्रशस्तीपत्र देकर सम्मानित भी किया। इससे पूर्व उन्हें गार्ड आॅफ आॅनर भी दिया गया। इस अवसर पर मेरठ रेंज के एडीजी प्रशांत कुमार, डीआईजी सहारनपुर उपेंद्र अग्रवाल, एसएसपी सहारनपुर दिनेश पी, मुजफ्फरनगर एसएसपी अभिषेक यादव, सांसद प्रदीप चैधरी, शामली विधायक तेजेंद्र निर्वाल, एमएलसी विरेंद्र सिंह, जिला अधिकारी शामली अखिलेश सिंह आदि मुख्य रूप से मौजूद रहे।
ज्ञात हो कि विगत दिनों जनपद की कानून व्यवस्था व विकास कार्यों की समीक्षा करने आये जनपद के प्रभारी अधिकारी अमित मोहन प्रसाद भी इस युवा आईपीएस अफसर अजय कुमार की पीठ थपथपाकर गये थे।