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शामली एनकाउंटर में घायल सिपाही अंकित तोमर का अस्पताल में निधन

शामली एनकाउंटर में घायल सिपाही अंकित तोमर का अस्पताल में निधन
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शामली के कैराना में मुठभेड़ में एक लाख के इनामी साबिर ढेर करने के दौरान घायल हुआ सिपाही अंकित तोमर बुधवार देर शाम जिंदगी की जंग हार गया। उसके निधन की खबर आते ही पुलिस में शोक की लहर दौड़ गई। कैराना में तैनात सिपाही अंकित तोमर एक जांबाज सिपाही था और साबिर एनकाउंटर से पहले भी वह बदमाशों की धरपकड़ में हमेशा आगे रहा है। पचास हजार के इनामी फुरकान की गिरफ्तारी में भी अंकित शामिल रहा था और उसे पुरस्कृत करने की संस्तुति के साथ उसका नाम मुख्यमंत्री को भेजा गया था। मुठभेड़ में घायल हुए कैराना कोतवाली प्रभारी भगवत सिंह का मेरठ के निजी अस्पताल में उपचार चल रहा है।


बागपत के गांव वाजिदपुर निवासी अंकित तोमर 2011 में यूपी पुलिस में बतौर सिपाही भर्ती हुआ। उसकी पोस्टिंग शामली जिले में हुई। पुलिस अधीक्षक ने तेज तर्रार होने पर उसको कैराना कोतवाली में तैनात कर दिया था। कैराना कोतवाली में रहते हुए उसने कई साहसिक कार्य किए, जिनमें आठ अप्रैल 2017 को 50 हजार के इनामी बदमाश फुरकान से हुई मुठभेड़ में भी वह शामिल रहा था। तब कैराना-कांधला मार्ग पर हुई मुठभेड़ में फुरकान ने पुलिस टीम पर फायरिंग कर दी थी, जिसमें सिपाही अंकित तोमर और शहजाद घायल हो गए थे। बावजूद इसके इन दोनों सिपाहियों ने फुरकान को दबोच लिया था। जिले में इनामी बदमाशों की गिरफ्तारी के अभियान में फुरकान की सबसे पहली गिरफ्तारी हुई थी। इसके चलते पुलिस अधीक्षक ने अंकित तोमर को मुख्यमंत्री से सम्मानित कराने के लिए भी नाम भेजा था।


उधर, मंगलवार रात जब जंधेड़ी गांव में मुठभेड़ हुई, तो सिपाही अंकित तोमर के सिर में गोली लगी। मिलनसार और हंसमुख था अंकित शामली। कैराना में अपनी तैनाती के दौरान अंकित पत्नी और दोनों बच्चों के साथ कैराना के मोहल्ला गुंबद में अरविंद सिंघल के मकान में किराए पर रह रहा था, यहीं पर उसकी पत्नी नेहा ने दो माह पूर्व बेटे को जन्म दिया। बेटा पैदा होने की खुशी में अंकित ने कैराना कोतवाली में कार्यरत सभी पुलिस कर्मियों को दावत दी थी और कोतवाली की मैस में खीर और मटर पनीर की सब्जी बनवाकर खिलाई थी। सिपाही मैनपाल, विकास और अन्य पुलिस कर्मियों का कहना है कि अंकित बहुत मिलनसार था और हंसमुख था। उसका कभी किसी से कोई विवाद नहीं हुआ था। उसके साथियों का कहना है कि अंकित अपनी डयूटी को पूरी गंभीरता से निभाता था और किसी भी परीस्थिति में घबराता नहीं था। उन्होंने कहा कि जांबाज साथी के चले जाने का बहुत दुख है।


अंकित तोमर की मौत से वाजिदपुर में चीख-पुकार बड़ौत (बागपत) एक लाख के इनामी साबिर को पुलिस ने शामली के जंधेड़ी गांव में मुठभेड़ में मार गिराया। मुठभेड़ में वाजिदपुर गांव का जांबाज सिपाही अंकित तोमर भी आखिरकार जिंदगी की जंग हार गया। जैसे ही मौत का समाचार पहुंचा, सिपाही के घर में चीख-पुकार मच गई। सैकड़ों लोग पीड़ित के घर जमा है। महिलाओं का रो-रोकर बुरा हाल है। शामली के जंधेड़ी गांव में जिस पुलिस टीम ने इनामी साबिर को मार गिराया, उसमें बागपत के वाजिदपुर का बेटा अंकित तोमर भी शामिल था। मुठभेड़ में अंकित गंभीर घायल हो गया था।


बुुधवार की रात में वह जिंदगी की जंग हार गया। रात करीब साढे़ दस बजे जैसे ही अंकित की मौत का समाचार वाजिदपुर गांव में पहुंचा, यहां चीख-पुकार मच गई। दिनभर से जिंदगी बच जाने की उम्मीद में बैठे ग्रामीण बिलख उठे। महिलाओं का रो-रोकर बुरा हाल है। बुधवार को दिन निकलते ही सिपाही के घर पर उसके परिवार को ढांढस बंधाने और हिम्मत देने के लिए सैकड़ों लोग जमा होने शुरू हो गए थे। अंकित के पिता जयपाल सिंह अपने बेटे के साथ पहले मेरठ और फिर नोएडा गए। आसपास के गांवों के लोग भी सिपाही की कुशलक्षेम जानने पहुंचे और दुआएं की गई, लेकिन आखिरकार वह जिंदगी की जंग हार गया।


परिवार के सदस्यों ने बताया कि उन्हें मंगलवार रात करीब डेढ़ बजे सूचना मिली थी। छह साल पहले भर्ती हुआ था अंकित तोमर बड़ौत। वाजिदपुर का अंकित तोमर वर्ष 2011 में बदायूं जनपद से यूपी पुलिस में भर्ती हुआ था। आठ माह पूर्व उसकी शामली जनपद में तैनाती हुई थी। शामली जिला मिला तो उसकी पोस्टिंग भी कैराना कोतवाली में हो गई थी। तीन साल की बेटी और दो माह का बेटा बड़ौत। अंकित तोमर की पत्नी नेहा उसके साथ ही रहती थी। परिवार में तीन साल की बेटी और दो माह का बेटा भी है। मां अमरेश बेहद दुखी हैं। अंकित का एक छोटा भाई रामबीर है, जो बीए में पढ़ रहा हैं। छिन गया परिवार का सहारा बड़ौत। अपने परिवार के लिए अंकित ही सबसे बड़ा सहारा था, लेकिन मौत ने उसे भी छीन लिया। मां अमेरश के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं।

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