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शामली एसपी ने चार हत्या का किया चौबीस घंटे में खुलासा, शिष्य ने ही गुरु अजय पाठक को परिवार समेत मार डाला

Shiv Kumar Mishra
1 Jan 2020 8:50 AM GMT
शामली एसपी ने चार हत्या का किया चौबीस घंटे में खुलासा, शिष्य ने ही गुरु अजय पाठक को परिवार समेत मार डाला
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शामली हमें चार लाशें मिलने से सनसनी फ़ैल गई थी

जनपद शामली मैं अंतरराष्ट्रीय भजन गायक की परिवार सहित हत्या होने से शामली शहर में जहां सनसनी फैल गई थी तो वहीं पुलिस में खुलासा करते हुए हिमांशु सैनी नामक युवक को हत्या में प्रयुक्त तलवार व सभी सबूतों के साथ गिरफ्तार कर खुलासा किया है. शामली पुलिस की यह बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है. हालांकि आईपीएस विनीत जायसवाल अपने काम में हमेशा माहिर मास्टर माने जाते है.

दरअसल आपको बता दें शिष्य ने ही अपने गुरु व उसके परिवार की हत्या कर दी सूचना पर हिमांशु सैनी नामक युवक ने अंतर्राष्ट्रीय भजन गायक की मंडली में पिछले दो ढाई साल से काम करता था और अजय पाठक के यहां आना जाना रहता था. रात में अजय पाठक के यहां रुक भी जाया करता था. हिमांशु की माली हालत ठीक नहीं चल रही थी. उसके ऊपर कई लोगों का कर्ज भी हो गया था इसके अतिरिक्त उसने बैंक से भी लाखों का लोन ले रखा था जिसकी किस्त समय से वापस न लौटने के कारण उसके विरुद्ध अधिक नोटिस भी जारी हुआ था. जिसकी वजह से वह मानसिक तनाव में रहने लगा था जिसके चलते वह अजय पाठक से अधिक परिश्रम की मांग करता था.

परंतु अजय पाठक केवल मेहनताना ही देते थे इसके अतिरिक्त आरोपी हिमांशु का कहना है कि उसने आजा पाठक को छोटी-छोटी धनराशि उनके रूप में तकरीबन ₹60000 उधार दे रखे थे जिसे वापस मांगने पर अजय पाठक उसे अपमानित किया था. घटना वाली रात को भी जब हिमांशु ने अपने पैसे मांगे तो अजय पाठक द्वारा उसे अपशब्द कहकर डांट दिया गया. जिससे शुभ अपमानित होकर तथा अच्छे पैसे मिलने के लालच में आकर उसने इस घटना को अंजाम दे दिया. उसने रात में अजय पाठक के घर पर ही रुका और 3:00 बजे उठकर उसने पहली मंजिल पर बने कमरे में सो रहे अजय पाठक के ऊपर घर में ही मौजूद तलवार से कई वार कर उनकी हत्या कर दी. उसी कमरे में दवाई लेकर सोई हुई अजय की पत्नी स्नेहा के जागने पर उसको भी तलवार से वार कर उसकी हत्या कर दी. इसके बाद आरोपी हिमांशु को शक हुआ कि कहीं अजय पाठक की बेटी वसुंधरा और बेटा भागवत को इस हत्या की जानकारी ना हो जाए इसलिए वह तुरंत इसी मंजिल पर दूसरे कमरे में सो रहे वसुंधरा और भागवत के कमरे में पहुंचा जहां उसने वसुंधरा के ऊपर तलवार से हमला कर उसकी हत्या कर दी.




इसी बीच भागवत के जागने पर उसका गला दबाकर उसकी भी हत्या कर दी. इसके बाद आरोपी हिमांशु ने सोचा कि चारों को उनकी निजी कार इको स्पोर्ट गाड़ी में डालकर कहीं ले जाकर ठिकाने लगा देगा जिससे किसी को भी पता नहीं लग सकेगा. वह भागवत और वसुंधरा को एक-एक कर पहली मंजिल से ग्राउंड फ्लोर पर लेकर आया और बाहर खड़ी इको स्पोर्ट की डिग्गी खोलकर अजय पाठक के 10 वर्षीय बेटे भगवत की बॉडी को गाड़ी की डिग्गी में डालकर अपने साथ ले गया. लेकिन वसुंधरा का शरीर भारी होने के कारण उसे गाड़ी में नहीं ला सका तथा वसुंधरा की लाश को नीचे के कमरे में रजाई मेंढक कमरे को बाहर से ताला लगा दिया. क्योंकि सुबह होने को थी कहीं किसी को मालूम ना हो जाए.

वह ऊपर कमरे में गया सभी के मोबाइल अपने साथ ले लिए तथा हड़बड़ी में कुछ स्थानों की तलाशी ली. जिसमें मृतक अजय की पत्नी की अलमारी में ताला ना होने के कारण उसे आसानी से खोलकर महिला का पर्सनल बैग निकाल कर और अजय और उनकी पत्नी स्नेहा को कंबल मेंढक दिया. जिससे लगे कि वह सो रहे हैं और उनके कमरे को भी बाहर से बंद कर दिया और अजय पाठक के 10 वर्षीय बेटे भागवत को गाड़ी में डालकर अपने साथ चला गया.

हिमांशु का प्लान था कि घर के बाहर ताला लगा देखकर तथा इको स्पोर्ट गाड़ी का घर पर ना पाए जाने पर सभी को यह लगेगा कि अजय पाठक परिवार सहित करनाल चले गए हैं रात होने पर वह पुणे अजय के घर पहुंचकर और तीनों लाशों को गाड़ी में रख कर कहीं ले जाकर ठिकाने लगा देगा तथा पैसे नगदी पर हाथ साफ करेगा. परंतु शाम के वक्त घटना की सूचना पुलिस को लगने पर वह डर गया तथा सबूतों को मिटाने के उद्देश्य से उसने पानीपत टोल प्लाजा के पास इको स्पोर्ट में भागवत बेटे सहित गाड़ी को भी पेट्रोल डालकर आग लगा दी. जिसे पानीपत पुलिस ने मौके से ही गिरफ्तार कर लिया.


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