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कैराना की ये तस्वीर क्या कहती है?

कैराना की ये तस्वीर क्या कहती है?
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उत्तर प्रदेश के कैराना लोकसभा उपचुनाव में ये तस्वीर देखकर लगा कि अब पूरा विपक्ष सिर्फ जीतने पर अमादा है. विपक्ष के सतरंगी झंडे लेकर जब कार्यकर्ता तपती दोपहरी में घर से निकलता तो वो आवाज इंकलाब की होती है. जिसकी चोट किसी आम आदमी पर झेली नहीं जा सकती है.


ये बेचारा साइकिल सवार समर्थक सपा के गढ़ फिरोजाबाद जिले की शिकोहाबाद विधानसभा से चलकर सभी पार्टियों के झंडे लगाकर यहाँ घूम रहा है. इसका अपना परिवार है अपने बच्चे है. लेकिन इसका मकसद देश को एक नई दिशा देना है. देश को जब भी दिशा दी है तो किसी बिना एसी के रहने वाले गरीब ने बदलने की बात की है. अब यह समर्थक घूम घूम कर कहना चाहता है कि बीजेपी के खिलाफ सभी दल एक हो चुके है.आप भी बिना समय गवाएं अपने वोट की चोट कर इसको हकीकत में बदल दो.


अब केवल वोट पड़ने में चंद घंटे बाकी है बीजेपी ने आज पडोस के जनपद में पीएम मोदी की रैली भी करा दी है. उधर विपक्ष का कोई भी बड़ा नेता इस प्रचार में नहीं आया. जबकि बीजेपी की तरफ से सीएम योगी, डिप्टी सीएम दोनों , प्रदेश अध्यक्ष कई सांसद कई केंद्रीय मंत्री और राज्य सरकार के मंत्री डेरा डाले हुए है. चुनाव को बड़ी गम्भीरता से लड़ा गया है विपक्षी उम्मीदवार की तरफ से अजीत सिंह और उनके युवा पुत्र ने कमान संभाल रखी थी.


अब देखना है कि 28 मई को वोट पड़ने के बाद विजयी कौन सी पार्टी होती है. हालांकि जाट नेता चौधरी अजीत सिंह के लिए यदि करो मरो की हालात फंसी है तो बीजेपी के लिए भी सीट नाक का सवाल बनी हुई है. अब तो एक और काम हो गया जब प्रचार बंद होने का बाद पीएम ने पड़ोसी जनपद में रैली कर वोटरों को लुभाने का काम किया है. अगर इसके बाद विपक्ष पटखनी दे देता ही तो बीजेपी की हालत बेहद गमगीन भरी हो जायेगी.

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