शामली

जब यह आईपीएस अधिकारी दबाने लगा कंवाडीया के पाँव, लोग दांतों तले ऊँगली दबा गये और करने लगे वाह वाह!

Special Coverage News
28 July 2019 5:53 AM GMT
जब यह आईपीएस अधिकारी दबाने लगा कंवाडीया के पाँव, लोग दांतों तले  ऊँगली दबा गये और करने लगे वाह वाह!
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जब यह आईपीएस अजय कुमार पाण्डेय दबाने लगा कंवाडीया के पाँव,

यह वीडियो शामली जनपद से गुज़रने वाले काँवड़ मार्ग पर स्थित मानव-सेवा हेतु बनाए गए एक प्राकृतिक चिकित्सा शिविर (कैम्प) का है। एसपी (पुलिस अधीक्षक शामली) अजय कुमार को इस शिविर के उद्घाटन के लिए बुलाया गया था। यहाँ उद्घाटन करने के उपरान्त, जब एसपी ने एक बेहद थके हुए काँवड़ श्रद्धालु को देखा तो उनकी सेवा को उनके हाथ बरबस ही बढ़ चले। उन्होंने कुछ समय के लिए ही सही पर थके-हारे उस व्यक्ति के पैर के पंजों को दबाया ताकि व्यक्ति को कुछ आराम मिल सके।

एसपी शामली अजय कुमार से इस विषय में बातचीत की गई तो उन्होंने बड़े ही बेबाक़ी से अपनी बात रखी। उन्होनें कहा कि "आधुनिक समय की पुलिसिंग का कैनवास बहुत विस्तृत है। इसे संकीर्ण भाव से नहीं देखा जाना चाहिए।लोकतांत्रिक पुलिसिंग विवेचना, अपराधों की रोकथाम, सुरक्षा, सेवा, जन सहभागिता, सामुदायिक पुलिसिंग अादि अनेकानेक विषयों का समुच्चय है। जनता से दूरी बनाकर पुलिसिंग किया जाना कदापि उचित नहीं है। संवेदनशीलता और मानवीय मूल्यों को आत्मसात किए बिना अच्छी पुलिसिंग की कल्पना करना बेमानी होगी।

एसपी अजय कुमार ने कहा कि जब हमारे सिपाही, दारोगा और इंस्पेक्टर ख़ून से लथपथ घायलों की सेवा कर सकते हैं, उन्हें 'फ़र्स्ट एड' दे सकते हैं तो क्या ज़िले के पुलिस अधीक्षक एक थके-हारे, कमज़ोर दिख रहे मानव की सेवा कर उन्हें आराम प्रदान करने का कार्य नहीं कर सकते? कल्पना करें कि 200-300 किमी की यात्रा करते हुए आ रहे एक श्रद्धालु थक कर, प्यास से व्याकुल होकर सड़क पर गिर जाएँ तो पुलिस व प्रशासनिक व्यवस्था पर यही आरोप लगेगा कि 'प्रोऐक्टिव ऐप्रोच' नहीं है, व्यवस्था ठीक नहीं है।

एसपी अजय कुमार ने कहा कि "दुर्घटना होने ही ना पाए", इस सिद्धांत पर काम करते हुए हम सभी ने सुरक्षा, सेवा व जनहित का संकल्प लिया है, और बिना किसी भेदभाव के हमारा यह कार्य बादस्तूर जारी रहेगा। सभी को मेरी अनगिनत शुभकामनाएँ।



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