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धोखाधड़ी कर लाखो का मुआवजा हड़पने के मामले में मुख्य आरोपी ने किया सरेंडर,गया जेल!
फोरलेन मुआवजे में मिली 82.78 लाख रूपए दलित मां-बेटे से धोखाधड़ी कर हड़प लेने के मामले में फरार चल रहे मुख्य आरोपी ने शनिवार को सीजेएम कोर्ट में आत्म समर्पण कर दिया। जिसकी रिमांड स्वीकृत कर सीजेएम आशारानी सिंह ने उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेजने का आदेश दिया है।
मामला कोतवाली नगर थाना क्षेत्र स्थित सिंडीकेट बैंंक शाखा से जुड़ा हुआ है।आरोप के मुताबिक कोतवाली देहात थाना क्षेत्र के अभियाकला निवासिनी दलित सुमेरा देवी व उसके बेटे अवधेश के नाम दर्ज रही भूमि नेशनल हाईवे निर्माण के लिए अधिग्रहित की गयी। जिसके बदले में सिंडीकेट बैंक स्थित दोनों के खाते में 82.78 लाख रूपए ट्रांसफर किए गए। इन रूपयों को दिलाने के लिए मदद के नाम पर सुमेरा के गांव के ही सुरेमन वर्मा, कोटेदार व उसके लड़के विजय मिश्रा ने मुख्य आरोपी उदयराज वर्मा निवासी लोधीपुर को मिलाकर अन्य आरोपियों की मिली-भगत से राजस्वकर्मियों व बैंक अधिकारियों को हमवार कर लिया और धोखाधड़ी करके उनके खाते से मई 2016 में 82.78 लाख रूपए उदयराज वर्मा के खाते में आरटीजीएस के जरिए ट्रांसफर करा लिया। मामले में आरोपियो पर मुकदमा दर्ज हुआ,लेकिन करीब दो वर्ष तक तफ्तीश लटकी रही।
लचर विवेचना को लेकर सीजेएम कोर्ट में मानीटरिंग अर्जी भी विचाराधीन है, कोर्ट के कड़े रुख के बाद हरकत में आयी पुलिस ने मामले में तेजी बरती। मौजूदा समय में प्रकरण की तफ्तीश क्राइम ब्रांच के निरीक्षक बीपी यादव कर रहे हैं,जिनकी सक्रियता से मामले के आरोपी राम शिरोमणि वर्मा,सत्य नरायण मिश्रा व उसके बेटे विजय मिश्र को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। मामले में राम शिरोमणि व सत्य नरायण मिश्र की जमानत भी जिला जज के यहां विचाराधीन है।
मामले में फरार चल रहे मुख्य आरोपी उदयराज वर्मा ने बीते 17 अप्रैल को सीजेएम कोर्ट में सरेंडर अर्जी दी थी,तब से दो पेशियां भी बीती,लेकिन वह सरेंडर करने से भागता रहा। फिलहाल भागे-भागे फिर रहे उदयराज वर्मा ने शनिवार को सीजेएम कोर्ट में सरेंडर कर ही दिया। जिसकी रिमांड स्वीकृत कर अदालत ने जेल भेजने का आदेश दिया। बीपी यादव ने बताया कि अन्य आरोपियों की तलाश जारी है,जल्द ही उनकी भी गिरफ्तारी कर ली जायेगी।