सुल्तानपुर

शव दफनाने को लेकर चले लाठी डंडे, पुलिस और प्रसाशन परेशान, लोंगों ने किया रोड जाम

Special Coverage News
13 Oct 2018 1:48 PM GMT
शव दफनाने को लेकर चले लाठी डंडे, पुलिस और प्रसाशन परेशान, लोंगों ने किया रोड जाम
x

सुल्तानपुर में आज एक युवक की बीमारी के बाद हुये निधन के बाद शव दफनाने को लेकर इस कदर विवाद हुआ कि ग्रामीणों ने पुलिस पर ही हमला बोल दिया। इस हमले में जहां एक थानाध्यक्ष , एक दरोगा और सिपाही समेत कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गये वही नाराज ग्रामीणों ने युवक का शव इलाहाबाद फैज़ाबाद रोड पर रख कर जाम लगा दिया। घटना के बाद भारी मात्रा में पुलिस बल मौके पर तैनात है वही घायलों को इलाज के लिये जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।




दरअसल ये मामला है देहात कोतवाली क्षेत्र के चकरपुर गांव का। जहां गांव के ही रहने वाले युवक गुलाबचंद्र का आज निधन हो गया था। निधन के बाद उसके परिजन गांव के बगल ही जमीन पर उसका अंतिम संस्कार करना चाह रहे थे। लिहाजा शव दफन करने के लिये गड्ढा खोदा जाने लगा। इसी को लेकर एक दूसरे पक्ष से विवाद शुरू हो गया। शव दफनाने को लेकर जब भूमि विवाद की सूचना जिला प्रशासन को लगी तो एसडीएम और सीओ के नेतृत्व के साथ साथ कई थानों की पुलिस को मौके पर भेजा गया। राजस्व टीम और ग्रामीणों की बात चल ही रही थी कि कुछ लोगो ने पीछे से पथराव शुरू कर दिया। अचानक हुये हमले से जब तक कोई कुछ समझ पाता तब तक चांदा थानाध्यक्ष संजय कुमार सिंह, दारोगा रामकुमार और सिपाही दिनेश समेत कई लोग घायल हो गये। आनन फानन उन्हें गंभीर हालत में जिला अस्पताल इलाज के लिये भेजा गया।




वही पथराव के बाद हुये बवाल से ग्रामीण उग्र हो उठे और उन्होंने युवक गुलाबचंद्र का शव इलाहाबाद फैज़ाबाद हाइवे पर रखकर जाम लगा दिया और जिला प्रशासन और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। ग्रामीणों की माने तो उक्त जमीन पर उनके पूर्वज अंतिम संस्कार करते आये है ऐसे में दूसरे पक्ष द्वारा जबरन उन्हें रोका जा रहा है।





इतने बड़े विवाद के बाद अधिकारी इस मामले में कितना संवेदनशील है आइये उससे आपको रूबरू करवाते है। एसपी सिटी ने पहले तो एक वृद्ध की मौत होने की जानकारी दी, उसके बाद जब विवाद समाप्त हो गया तो अब बोल रही है कि बच्ची की मौत हुई थी और उसे दफनाने को लेकर विवाद हुआ था। फिलहाल मौके पर पहुंचे एडीएएम ने प्रदर्शनकारियों को समझाबुझा कर शांत कराया और अंतिम संस्कार के लिये जमीन दी तब जाकर ग्रामीणों का गुस्सा शांत हुआ और वे अंतिम संस्कार को राजी हुये।

Next Story