उन्नाव

बेटी होती तो आज उसका पुलिस भर्ती का मेडिकल दिलवाने जाता- गोल्डी के पिता

Special Coverage News
27 Dec 2018 5:04 PM GMT
बेटी होती तो आज उसका पुलिस भर्ती का मेडिकल दिलवाने जाता- गोल्डी के पिता
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लखनऊ : उन्नाव, मौरावां के सेवक खेड़ा में छात्रा की निर्मम हत्या के बाद रिहाई मंच ने परिजनों से मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल में रिहाई मंच अध्यक्ष मुहम्मद शुऐब, सचेन्द्र प्रताप यादव, शकील कुरैशी, विनोद यादव, रविश आलम, जगदीश और राजीव यादव शामिल थे।

परिजनों ने बताया कि सुबह 9 बजे के करीब मालूम चला कि उनकी बेटी घर से थोड़ी दूर सीताराम बाग में समाधि के पास बेहोश पड़ी है। उसके पिता शिवकुमार और मां भाग कर गए तो देखा कि उनकी बेटी लहुलुहान हालत में पड़ी थी। धारदार हथियार से गर्दन और हाथ पर हमला किया गया था। जहां से खून निकल रहा था। उन्होंने खून रोकने की कोशिश की पर खून रुकने का नाम नहीं ले रहा था।

पिता बताते हैं कि उनके दो बेटे और एक बेटी गोल्डी थी। बेटी बहुत होनहार थी। बड़ा बेटा और उसकी पत्नी पुलिस में है। छोटा बेटा और बेटी भी प्रतियोगी परिक्षाओं की तैयारी कर रहे थे। बेटी की पुलिस में नियुक्ति के लिए आज 27 को मेडिकल था अगर होती तो लखनऊ लेकर जाते। भाई धीरज बताते हैं कि 2 साल से वो और उनकी बहन गुरुबख्शगंज कोचिंग करने के लिए जाते थे।

चाचा पुत्तू लाल बताते हैं कि कुछ लोगों ने बाद में बताया कि चिल्लाने की आवाज आई थी पर लोग इसका अंदाजा न लगा सके कि इतना बड़ा हादसा हो गया है। वे बताते हैं कि 9 बजे के करीब हत्यारोपी सतीश ने उनको फोन किया था। बुआ रामप्रीत कहती हैं कि दिन दहाड़े बेटी को मार डाला। गर्दन से लेकर पूरा शरीर खून से लथपथ था। उसने खुद को बचाने की पूरी कोशिश की उसकी हथेली इस हालत में जख्मी हो गई।

रिहाई मंच अध्यक्ष मुहम्मद शुऐब ने कहा कि उन्नाव हो या आगरा पूरे सूबे में अपराधियों के हौसले इतने बढ़ गए हैं कि हत्या करने के बाद वो परिजनों तक को फोन कर इस बात का एहसास करा रहे हैं कि उनका कुछ नहीं होने वाला है। जिस प्रकार उन्नाव मामले में भाजपा विधायक सेंगर को बचाने में सरकार ने खुलकर हिमायत की उसने अपराधियों के हौसले इस कदर बढ़ा दिए हैं कि कानपुर में पुलिसकर्मी तक की बेटी के साथ बलात्कार कर थाने के सामने फेंक दिया जाता है। उन्होंने कहा कि आसिफा हो या संजलि बेटी बेटी होती है। धर्म जाति की नजर से देखने वाली राजनीति जब आसिफा के बलात्कार आरोपियों के पक्ष में जुलूस निकालती है तो उसे इस बात को समझना चाहिए कि बलात्कार को बढ़ावा देने की यह जेहनियत उनकी बेटियों के लिए खतरनाक होगी। इसी जेहनियत ने पिछले दिनों बुलंदशहर में सुबोध कुमार की हत्या कर दी।

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