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बाबरी मस्जिद के नाम पर वायरल तस्वीरों का असली सच आया सामने!
अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद से ही सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरें वायरल हो रही हैं, जिनके बारे में दावा किया जा रहा है कि ये बाबरी मस्जिद की तस्वीरें हैं. ब्रिटिश म्यूजियम को क्रेडिट देते हुए चार तस्वीरें इस दावे के साथ वायरल हो रही हैं कि ये बाबरी मस्जिद की दुर्लभ तस्वीरें हैं.
इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल हो रही इन चारों तस्वीरों में सिर्फ एक तस्वीर बाबरी मस्जिद की है. बाकी तस्वीरें दुनिया के अलग-अलग हिस्सों की हैं. पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.
फेसबुक पेज 'Daily_Mirror' समेत कई यूजर्स ने इन तस्वीरों को पोस्ट करते हुए कैप्शन में लिखा है, 'बाबरी मस्जिद की कुछ दुर्लभ तस्वीरें. (साभार ब्रिटिश म्यूजियम)'. ये तस्वीरें फेसबुक पर वायरल हैं. वायरल तस्वीरों के साथ किए जा रहे दावे की जांच के लिए हमने हर फोटो को रिवर्स सर्च किया तो AFWA को इनके बारे में ये जानिकारियां मिलीं:
यह तस्वीर हमें dreamstime.com के स्टॉक में मिली. यह बीजापुर, कर्नाटक की इब्राहिम रोजा मस्जिद की तस्वीर है. तस्वीर के साथ कैप्शन में लिखा है, 'बीजापुर में 16वीं सदी की 'इब्राहिम रोजा' के गुंबद का अंदरूनी पेचीदा डिजाइन.' इस तस्वीर का कॉपीराइट उपेंद्र बापत के पास है.
हमने पाया कि यह तस्वीर बाबरी मस्जिद की असली तस्वीर है. Wall Street Journal में 4 अप्रैल 2014 को प्रकाशित एक आर्टिकल में इस तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है. तस्वीर के कैप्शन में लिखा है, '1990 के दशक के शुरुआत की बाबरी मस्जिद की एक तस्वीर. कॉपीराइट: द ब्रिटिश लाइब्रेरी बोर्ड.'
इस फोटो का भी बाबरी मस्जिद से कोई लेना देना नहीं है. हमने पाया कि यह फोटो Alamy के स्टॉक में मौजूद है. यहां मौजूद सूचना के मुताबिक यह फोटो अफगानिस्तान के बल्ख मेंस्थित Noh Gunbad मस्जिद की है. यह फोटो B. O'Kane ने खींची है. इस तरह स्पष्ट है कि वायरल हो रही तस्वीरों में से एक को छोड़कर बाकी का बाबरी मस्जिद से कोई लेना देना नहीं है.