वायरल

तेंदुलकर ने बनवारी टोला गांव की इन लड़कियों से बनवाई दाढ़ी, जानें- कौन हैं ये, कहानी जानकर भावुक हो जाएंगे, देखें VIDEO

Special Coverage News
4 May 2019 11:01 AM GMT
तेंदुलकर ने बनवारी टोला गांव की इन लड़कियों से बनवाई दाढ़ी, जानें- कौन हैं ये, कहानी जानकर भावुक हो जाएंगे, देखें VIDEO
x
बनवारी टोला में दो लड़कियां अपने पिता की दुकान में नाई का काम करती हैं. वो नाई का काम करके समाज में मौजूद धारणाओं को चुनौती दे रही हैं.

महान भारतीय क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर के नाम वैसे तो क्रिकेट के मैदान पर पहले ही कई रिकॉर्ड दर्ज हैं, लेकिन महिला हज्जाम नेहा और ज्योति से 'पहली बार दाढ़ी बनवाना' निश्चित रूप से उनके लिए गर्व का क्षण होगा.

तेंदुलकर ने ऐसा भारत में मौजूद लिंग संबंधित रुढ़िवादिता को तोड़ने में अपना योगदान देने के लिए किया. इस पेशे में अभी तक पुरुषों का ही वर्चस्व माना जाता रहा है, लेकिन उत्तर प्रदेश की बनवारी टोला गांव की नेहा और ज्योति ने अपने पिता के बीमार होने के बाद 2014 में उनकी जिम्मेदारी संभालने का फैसला किया.



तेंदुलकर ने फिर इसे इंस्टाग्राम पर पोस्ट किया. उन्होंने लिखा, 'आप शायद इसे नहीं जानते, लेकिन मैंने कभी भी किसी से शेव नहीं बनवाई. आज यह रिकॉर्ड टूट गया. इन महिला हज्जाम से मिलना सम्मान की बात है.' तेंदुलकर ने इन दोनों को जिलेट स्कॉलरशिप भी प्रदान की जिनमें उनकी शैक्षिक और पेशेवर जरूरतों को पूरा किया जाएगा.

हालांकि इन दोनों के लिए यह सफर आसान नहीं था क्योंकि शुरू में लोग महिला हज्जाम से दाढ़ी नहीं बनवाते या बाल नहीं कटवाते थे. जिलेट इंडिया के विज्ञापन में उनकी प्रेरणादायी कहानी को उजागर किया गया, जिसे लोग काफी पसंद कर रहे हैं. इस विज्ञापन को यू-ट्यूब को 1.60 करोड़ लोगों ने देखा है. इसके बाद ही तेंदुलकर ने इन दोनों से दाढ़ी बनवाने का फैसला किया.


विज्ञापन में क्या है ?

विज्ञापन में बताया गया है कि पिता का पेशा लड़के को विरासत में मिलता है. लेकिन लड़कियों को विरासत में गृहस्ती, रसोई और घर की जिम्मेदारियां मिलती हैं. जिसके बाद एक पिता लड़के के साथ नाई की दुकान में जाता है. जहां दो लड़कियां आती हैं और पूछती हैं- काका दाढ़ी बना दूं? बच्चा पिता से पूछता है- पापा ये लड़की होकर उस्तरा चलाएगी? पिता जवाब में कहता है- 'बेटा उस्तरा को क्या पता उस्तरा चलाने वाला लड़की है या लड़का.' जिसके बाद लड़की सेविंग करने लगती है.

नेहा और ज्योति के पिता ध्रुव नारायण को लकवा मारा था. उस वक्त नेहा की उम्र 11 साल थी और ज्योति की 13 साल थी. पिता के इलाज और खुद की पढ़ाई के लिए नेहा और ज्योति को नाई का काम शुरू करना पड़ा. वो लड़कों के कपड़े पहनती हैं और लोगों का हेयर कट, शेव और नाई का सारा काम करती हैं. शुरुआत में दोनों लड़कियों को काफी परेशानी हुई लेकिन बाद में लोगों ने उन्हें स्वीकार कर लिया.

बॉलीवुड स्टार्ड भी उनकी तारीफ कर चुके हैं. दंगल गर्ल फातिमा सना शेख और सान्या मल्होत्रा, राधिका आप्टे और हेयरस्टाइलिस्ट आलिम हकीम इनमें शामिल हैं. एक्टर फरहान अख्तर ने लिखा- दोनों लड़कियों ने दिल छू लिया. पिता और गांव के लोगों को सलाम, जिन्होंने इनको सपोर्ट किया. स्वरा भास्कर ने लिखा- 'दुनिया कौन चला रहा है? बार्बर शॉप गर्ल्स! ज्योति और नेहा की स्टोरी पढ़कर अच्छा लगा. इस वीडियो को शेयर करते हुए भी उत्साहित हो रही हूं.'

Tags
Special Coverage News

Special Coverage News

    Next Story