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बंगाल में मारे गये टीचर का परिवार आया सामने, जिसने खोली बीजेपी की पोल
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में बंधु प्रकाश पाल, उनकी पत्नी और पांच साल के बेटे की हत्या ने बड़ा राजनीतिक बवंडर खड़ा कर दिया है। बीजेपी ने इस तिहरे हत्याकांड को लेकर पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया है। साथ ही दावा किया कि पाल एक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कार्यकर्ता थे। हालांकि, पाल के परिवार ने बीजेपी के इस दावे को सिरे से खारिज कर दिया है। परिवार का कहना है कि उनका किसी राजनीतिक पार्टी या संगठन से कोई संबंध नहीं था। परिवार ने दोनों राजनीतिक दलों पर इस मामले का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाते हुए आलोचना की।
बता दें कि 40 वर्षीय स्कूल अध्यापक पाल के अलावा उनकी पत्नी ब्यूटी (30) और बेटे अंगन (5) की मंगलवार की जियागंज के लेबू बागान इलाके स्थित घर पर हत्या कर दी गई थी। बंधु प्रकाश पाल की 68 वर्षीय मां माया पाल ने कहा, 'वह कोरे कागज की तरह था। आपसे किसने कहा कि वह बीजेपी मेंबर था? वह कभी बीजेपी या तृणमूल कांग्रेस से नहीं जुड़ा रहा। वह कभी आरएसएस में नहीं रहा। ये सब झूठ फैलाया जा रहा है।' पाल की मां सागरदीघी पुलिस स्टेशन के अंतर्गत आने वाले साहापुर के बराला गांव में रहती हैं।
पाल और उनके बेटे का शव एक कमरे में मिला था, जबकि पत्नी ब्यूटी की लाश दूसरे कमरे में मिली थी। पुलिस का कहना है कि पहले पति और पत्नी की हत्या की गई। इसके बाद बेटे अंगन का गला घोंटा गया और किसी भारी चीज से उसपर वार किया गया ताकि वह जिंदा न बचे। पुलिस के मुताबिक, चार लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया। दो को बाद में रिहा कर दिया गया। गवाहों के बताए हुलिया के आधार पर स्केच भी तैयार किए जा रहे हैं।
पुलिस को शक है कि हत्या की वजह निजी रंजिश हो सकती है। बीजेपी ने राज्य की कानून-व्यवस्था को लेकर प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है। वहीं, तृणमूल ने कहा है कि पाल बीजेपी की अंदरूनी लड़ाई का शिकार हुए हैं। उधर, बीजेपी कार्यकर्ताओं ने मारे गए परिवार की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किए। वहीं, राष्ट्रीय महिला आयोग ने राज्य के डीजीपी को चिट्ठी लिखा है।
पाल के मौसेरे भाई बंधु कृष्ण घोष ने कहा, दिलीप घोष ने कल कहा कि मेरा भाई बीजेपी परिवार से ताल्लुक रखता है। वह झूठ बोल रहे हैं। वह सिर्फ हमारे परिवार के थे। मैंने उन्हें बचपन से देखा है। वह मेरे भाई होने के अलावा मेरे बेस्ट फ्रेंड भी थे। हम जब भी राजनीति की बातें करते थे, वह वहां से चले जाते थे। यहां तक कि तृणमूल कांग्रेस भी कह रही है कि यह बीजेपी की आंतरिक लड़ाई का नतीजा है। वे सत्ताधारी पार्टी वाले हैं इसलिए उन्हें सुनिश्चित करना चाहिए कि पुलिस पता लगाए कि किसने मेरे भाई, उसकी पत्नी और मासूम बच्चे की हत्या की। किसी को इस मामले का राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए।
वहीं, द इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में बंगाल के सीनियर आरएसएस पदाधिकारी विद्युत रॉय ने कहा, 'वह बीते चार महीनों से हमारे संपर्क में थे और हमारे कुछ कार्यक्रमों में शामिल हुए थे। वह एक नौसिखिए थे। मुझे विश्वास नहीं होता कि उनकी हत्या सिर्फ इसलिए कर दी गई क्योंकि वह हमारे संपर्क में थे। हम इस हत्या की निंदा करते हैं। दोषियों को सजा मिलनी चाहिए।