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मोदी के नवाज को फोन करने से पाक मिडिया नाराज जानिये क्या क्या लिखा है अख़बारों ने

Special News Coverage
10 Jan 2016 10:58 AM GMT
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पीएम मोदी के नवाज को फोन करने से पाक मिडिया नाराज में बेहद नाराजगी व्यक्त की है। मिडिया ने लिखा है भारत पर प्रत्येक हमले को पाकिस्तान से किसी ठोस परिणाम पर पहुंचने से पहले ही पाकिस्तान के नाम कर दिया जाता है क्यों।


अखबार की टिप्पणी है
अखबार को हैरत है कि जब भी भारत में कोई हमला होता है तो उसका इल्जाम पाकिस्तान पर मढ़ दिया जाता है। अखबार की टिप्पणी है कि पठानकोट हमले को लेकर जो भी जानकारी भारत ने पाकिस्तान को दी है वो सिर्फ आरोपों पर आधारित है और आरोपों के आधार पर कार्रवाईमुमकिन नहीं। अखबार की नजर में, पठानकोट हमले के ठोस सबूत जमा करने में तो वक्त लगेगा, इसलिए भारत किसी भी मामले की आड़ लेकर बातचीत स्थगित न करे।

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‘एक्सप्रेस’ ने लिखा
पठानकोट हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच विदेश सचिव स्तरीय बातचीत पर मंडरा रहे खतरे के बादल पाकिस्तानी उर्दू अखबारों में चर्चा का विषय हैं। ‘एक्सप्रेस’ लिखता है कि भारत ने विदेश सचिव वार्ता के साथ पठानकोट हमले में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई की शर्त जोड़ते हुए कहा है कि 'गेंद अब पाकिस्तान के पाले में है।' (अशोक कुमार बीबीसी संवाददाता, दिल्ली)

नवा-ए-वक़्त’अखबार के मुताबिक
नवा-ए-वक़्त’ लिखता है कि भारत ने आखिरकार पठानकोट हमले का मलबा पाकिस्तान पर गिरा दिया। अखबार कहता है कि हमले के दौरान ही भारतीय मीडिया और अधिकारी कहने लगे थे कि हमलावर पाकिस्तान से आए थे, लेकिन भारत ने इस बार किसी खास रणनीति के तहत संयम दिखाया और हमले के लिए तुरंत पाकिस्तान को जिम्मेदार नहीं ठहराया। अखबार के मुताबिक ऐसे में भारत से हर कीमत पर दोस्ती चाहने वाले लोग मोदी सरकार की तारीफ के पुल बांधने लगे। अखबार के मुताबिक, यही नहीं प्रधानमंत्री नवाज शरीफ तो इतने आशावादी निकले कि उन्होंने अपने श्रीलंका दौरे में कोलंबो से मोदी को फोन कर विश्वास दिलाया कि भारत जो भी जानकारी देगा, पाकिस्तान उसके आधार पर ठोस जांच करेगा और मुल्जिमों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। वार्ता के लिए पठानकोट हमले के मुल्जिमों पर कार्रवाई की शर्त पर अखबार कहता है कि भारत बातचीत को कामयाब बनाने के लिए संजीदा ही नहीं है।

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रोजनामा ‘पाकिस्तान’ लिखता है कि अगर दोनों देशों के विदेश सचिवों की बातचीत टली तो इसका मतलब यही लगाया जाएगा कि जिन दशहतगर्दों ने पठानकोट एयरबेस पर हमला किया, उनके मकसद पूरे हो गए और वो ताकतें हार गईं जो दक्षिण एशिया में अमन के लिए बातचीत के रास्ते पर जोर देती रही हैं।

अखबार लिखता है कि ताजा तनाव ऐसे समय में सामने आया है जब इराक और सीरिया के बड़े हिस्से पर इस्लामिक स्टेट का कब्जा है, लीबिया और यमन में समानांतर सरकारें चल रही हैं और लेबनान में इस कदर सांप्रदायिक तनाव है कि मामूली चिंगारी भी बड़ी आग में तब्दील हो जाए। सऊदी अरब में एक शिया नेता को मौत की सजा देने से शुरू हुए विवाद पर अखबार लिखता है कि ईरान को ठंडे दिमाग से सोचना चाहिए, अगर ईरान में कोई देश और सरकार के खिलाफ गतिविधियों में शामिल हो तो उसके साथ क्या सलूक किया जाएगा। उधर डीडीसीए मामले की जांच के लिए गठित दिल्ली सरकार के आयोग को गैर-कानूनी करार दिए जाने पर
‘रोजनामा खबरें’
का संपादकीय है- फिर टकराव। अखबार कहता है कि केजरीवाल और उनकी टीम इस मुद्दे को ऐसे ही नहीं छोड़ेंगे, इसलिए केंद्र सरकार से उनका टकराव तय है।

ऐसी ही राय जताते हुए ‘जंग’ कहता है कि शर्तें लगाकर बातचीत स्थगित करना किसी भी देश के हित में नहीं है और ये सिलसिला अब बंद होना चाहिए, वरना वो ताकतें जो दोनों देशों में युद्ध जैसे हालात चाहती हैं, वो बातचीत में रोड़े अटकाने के लिए ऐसी हमले करवाती रहेंगी। उधर,
‘जसारत’
ने उत्तर कोरिया में हाइड्रोजन बम के परीक्षण पर लिखा कि दुनिया में खलबली मच गई और अमरीका ने कार्रवाई की धमकी दी है। अखबार कहता है कि बेशक हाइड्रोजन बम एक खतरनाक हथियार है, लेकिन सवाल ये है कि कोई देश इसकी जरूरत क्यों महसूस करता है। अखबार की राय है कि उत्तर कोरिया की एटमी तैयारियों का कारण अमरीका की आक्रामता ही है।

वहीं, ‘दुनिया’ ने सऊदी विदेश मंत्री अदेल अल जुबैर के पाकिस्तान दौरे पर संपादकीय लिखा है।अखबार के मुताबिक पाकिस्तान ने विश्वास दिलाया है कि अगर सऊदी अरब की संप्रभुता पर कोई खतरा आया तो पाकिस्तान उसके साथ खड़ा होगा। ईरान और सऊदी अरब के बीच पैदा ताजा संकट पर अखबार लिखता है कि पाकिस्तान के हालात उसे सऊदी अरब और ईरान में से किसी एक का पक्ष लेने की इजाजत नहीं देते हैं, क्योंकि इससे पाकिस्तान को घरेलू स्तर पर गंभीर हालात का सामना करना पड़ सकता है। रुख भारत का करें तो ईरान और सऊदी अरब के तनाव पर ‘जदीद ख़बर’ लिखता है कि इस्लामी दुनिया में समस्याएं क्या कम थीं कि अब सऊदी अरब और ईरान के बीच नया तनाव शुरू हो गया।
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