चंद्रबाबू नायडू की 'प्रजा वेदिका' पर चला बुलडोजर, 8 करोड़ की बिल्डिंग ध्वस्त
पूर्व CM नायडू के बंगले से सटे इस कॉन्फ्रेंस हॉल में अधिकारियों के साथ बैठकें की जाती थीं। यहीं पर पूर्व सीएम लोगों से मिलते थे
अमरावती : आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के अमरावती स्थित घर से सटी इमारत प्रजा वेदिका को बुधवार तड़के तोड़ दिया गया। इस इमारत को गिराने का आदेश राज्य के नए मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने कुछ दिन पहले दिए थे। उन्होंने कहा था कि यह इमारत गैर-कानूनी है और ऐसी सभी इमारतों को गिराने के लिए चलाए गए अभियान के तहत सबसे पहले इसको तोड़ जाएगा।
यह इमारत नायडू सरकार के कार्यकाल के दौरान करीब 8 करोड़ रुपये की कीमत से बनी थी। नायडू के बंगले से सटे इस कॉन्फ्रेंस हॉल में अधिकारियों के साथ बैठकें की जाती थीं। यहीं पर पूर्व सीएम लोगों से मिलते थे। यह हॉल काफी बड़ा था और जरूरी इन्फ्रास्ट्रक्चर से लैस था। अमरावती में कृष्णा नदी के किनारे बने नायडू के बंगले और इस इमारत का दरवाजा भी एक ही था।
#WATCH: Demolition of 'Praja Vedike' building underway in Amaravati. The building was constructed by the previous government led by N. Chandrababu Naidu. #AndhraPradesh pic.twitter.com/qRCWjfVTJZ
— ANI (@ANI) June 25, 2019
सरकार बदलने के बाद इसे लेकर चर्चा था कि अगर नई सरकार प्रजा वेदिका का इस्तेमाल करती है तो आखिर नायडू उस बंगले में कब तक रहेंगे। हालांकि, जगन ने उसके अंदर बैठक कर उस इमारत को ही तोड़ने का ऐलान कर सबको दंग कर दिया था। जगन का दावा है कि इमारत गैर-कानूनी थी और इसके निर्माण की इजाजत नहीं थी।
जगन ने कहा था सिंचाई विभाग के एग्जिक्युटिव इंजिनियर ने इमारत के लिए इजाजत नहीं थी थी लेकिन नदी से जुड़े नियमों का उल्लंघन कर फिर भी इसका निर्माण किया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि इमारत के निर्माण के लिए टेंडर भी नहीं दिया गया। साथ ही, शुरुआत में इसकी कीमत करीब 5 करोड़ रुपये लगाई गई थी लेकिन बनते-बनते इसमें 8 करोड़ से भी ज्यादा रुपये लग गए।
वहीं, इस फैसले प्रतिक्रिया पर देते हुए नायडू ने कहा, 'इस खूबसूरत इमारत को तोड़ना एक बेवकूफाना फैसला है। हमने सरकार से आग्रह किया था कि इसे छोड़ दें क्योंकि इसका इस्तेमालविपक्ष के नेता के तौर पर हम कर सकेंगे। अगर वे हमें नहीं देना चाहते थे तो खुद इसका इस्तेमाल कर सकते थे।'