शिक्षा

पिछड़ी हुई हिंदी आलोचना बनाम हिंदी वैचारिकी

पिछड़ी हुई हिंदी आलोचना बनाम हिंदी वैचारिकी

यह बात पहले भी कही जाती रही है कि हिंदी आलोचना की स्थिति दयनीय है। लेकिन इस आरोप का दायरा रचनात्मक साहित्य की अच्छी समीक्षाएं नहीं आने तक ही सीमित रहा है। प्रमोद रंजन अपने इस आलेख में बताते हैं कि किस...

22 March 2024 3:05 PM IST