हमारे देश में हर दिन कोई ना कोई व्रत या त्योहार मनाया जाता है ऐसे मे हम आप को बताने जा रहे है साल 2021 पंचांग के अनुसार अंग्रेजी माह का नौवां महीना सितंबर और हिंदू कैलेंडर का छठवां महीना भाद्रपद होता है. हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार यह महीना व्रत एवं त्योहारों के दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण होता है. क्यों कि इस माह बहुत सारे बड़े एवं मुख्य त्योहार पड़ेंगे. आइये जानें किस दिन कौन सा पर्व, उपवास अथवा जन्म-तिथियां पड़ रही हैं.
-हिन्दू पंचांग के अनुसार, अजा एकादशी का व्रत हर साल भाद्रपद मास कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है। जो इस बार 3 सितंबर को अजा एकादशी का व्रत रखा जाएगा। धार्मिक रूप से इस व्रत का विशेष महत्व है।
-4 सितंबर को प्रदोष व्रत रखा जाएगा। शनिवार के दिन पड़ने के कारण यह शनि प्रदोष व्रत होगा। मान्यता के अनुसार प्रदोष व्रत भगवान शिव का आशीर्वाद पाने के लिए रखा जाता है। यह व्रत प्रत्येक माह की त्रयोदशी तिथि के दिन रखा जाता है। इस दिन मां पार्वती और भगवान शिव की पूजा का विधान है।
-भाद्रपद माह की मासिक शिवरात्रि 6 अगस्त को पड़ेगी। हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि का तो महत्व माना ही जाता है लेकिन हर माह पड़ने वाली शिवरात्रि भी बहुत महत्व रखती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है।
-भाद्रपद मास में पड़ने वाली अमावस्या को पिठौरी अमावस्या के रूप में मनाया जाता है। इस साल पिठौरी अमावस्या 7 सितंबर को होगी। इसे कुशग्रहणी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। धार्मिक रूप से इस तिथि का विशेष महत्व है।
-हरतालिका तीज पर्व 9 सितंबर को है। यह त्योहार सुहागिन महिलाओं के लिए बेहद ही खास माना जाता है। इस दिन सौभाग्य की कामना हेतु महिलाएं निर्जला व्रत रहकर माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा-अर्चना करती हैं।
-गणेश चतुर्थी पर्व 10 सितंबर को मनाया जाएगा। पौराणिक मान्यता है कि भगवान गणेश का जन्म भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष कि चतुर्थी तिथि को हुआ था। इस कारण इस दिन उनकी विशेष आराधना की जाती है।
-भादौ माह में स्कंद षष्ठी व्रत 12 सितंबर 2021 को रखा जाएगा। हिन्दू पंचांग के अनुसार, स्कंद षष्ठी व्रत हर महीने शुक्ल पक्ष की षष्ठी के दिन रखा जाता है। यह व्रत भगवान कार्तिकेय के लिए रखा जाता है। भगवान कार्तिकेय भगवान शिव और माता पार्वती के बड़े पुत्र हैं।
-भगवान विश्वकर्मा जयंती 17 सितंबर को मनाई जाएगी। धार्मिक मान्यता है कि कन्या संक्रांति के दिन भगवान विश्वकर्मा का जन्म हुआ था। इस कारण हर साल इसी दिन भगवान विश्वकर्मा की विधि-विधान से पूजा की जाती है। शास्त्रों में उन्हें सृष्टि का शिल्पकार कहा जाता है।
-हिन्दू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को परिवर्तनी एकादशी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन जगत पालनहार भगवान विष्णुजी की उपासना की जाती है। इस साल यह 17 सितंबर को मनाई जाएगी।
-18 सितंबर को प्रदोष व्रत रखा जाएगा। शनिवार के दिन पड़ने के कारण यह शनि प्रदोष व्रत होगा। मान्यता के अनुसार प्रदोष व्रत भगवान शिव का आशीर्वाद पाने के लिए रखा जाता है। यह व्रत प्रत्येक माह की त्रयोदशी तिथि के दिन रखा जाता है। इस दिन मां पार्वती और भगवान शिव की पूजा का विधान है।
-हिन्दू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को अनंत चतुर्दशी कहा जाता जाता है। इस साल ये पर्व 19 सितंबर को मनाई जाएगी। इस दिन भगवान विष्णु के अनंत रूप और भगवान गणेश की पूजा की जाती है।
-हिन्दू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह में आने वाली पूर्णिमा को भाद्रपद पूर्णिमा कहते हैं। इस साल यह पूर्णिमा 20 सितंबर को पड़ रही है। धार्मिक दृष्टि से इस तिथि का विशेष महत्व होता है। -हिंदू धर्म में श्राद्ध का विशेष महत्व है। इस वर्ष श्राद्ध 20 सितंबर से शुरू होकर 06 अक्तूबर तक चलेंगे। मान्यता है पितृगण हमारे लिए देवतुल्य होते हैं इस कारण से पितृ पक्ष में पितरों से संबंधित सभी तरह के कार्य करने पर वे हमें अपना आशीर्वाद देते हैं।
-हिंदू धर्म में श्राद्ध का विशेष महत्व है। इस वर्ष श्राद्ध 20 सितंबर से शुरू होकर 06 अक्तूबर तक चलेंगे। मान्यता है पितृगण हमारे लिए देवतुल्य होते हैं इस कारण से पितृ पक्ष में पितरों से संबंधित सभी तरह के कार्य करने पर वे हमें अपना आशीर्वाद देते हैं।
-भादौ मास का कालाष्टमी व्रत 28 सितंबर को रखा जाएगा। प्रत्येक माह में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी व्रत रखा जाता है। इस दिन शिव शंकर के रुद्र स्वरूप भगवान काल भैरव की पूजा और उपवास करने का विधान है।