रक्षाबंधन कल, जानें राखी बांधने का शुभ मुहूर्त, इस विधि से बहन भाई की कलाई में बांधें राखी
22 अगस्त, 2021 को रक्षाबंधन का पावन पर्व मनाया जाएगा। हिंदू धर्म में इस दिन का बहुत अधिक महत्व होता है। रक्षाबंधन के पावन दिन बहन भाई के हाथ में राखी बांधती है और भाई बहन की रक्षा का वचन देता है और बहन को उपहार भी देता है।
श्रावण मास की पूर्णिमा को रक्षाबंधन पर्व मनाया जाता है। सही मुहूर्त में ही रक्षासूत्र बांधना चाहिए। रक्षा बंधन पर भद्रा और राहुकाल को लेकर विशेष विचार किया जाता है। 22 अगस्त को सुबह 6:16 बजे तक भद्रा रहेगी। सायंकाल 4:30 से 6:00 बजे तक राहुकाल होगा। इस बार राखी बांधने का शुभ मुहूर्त सुबह 6:17 से अपराह्न 4:29 तक शुभ रहेगा। सायंकाल 6:00 बजे राहुकाल समाप्त होने के उपरांत भी रक्षासूत्र बांध सकते हैं।
इस विधि से भाई की कलाई में बांधें राखी
रक्षाबंधन के दिन सुबह-सुबह उठकर स्नान करें और शुद्ध कपड़े पहनें। इसके बाद घर को साफ करें और चावल के आटे का चौक पूरकर मिट्टी के छोटे से घड़े की स्थापना करें। चावल, कच्चे सूत का कपड़ा, सरसों, रोली को एकसाथ मिलाएं। फिर पूजा की थाली तैयार कर दीप जलाएं। थाली में मिठाई रखें। इसके बाद भाई को पीढ़े पर बिठाएं। अगर पीढ़ा आम की लकड़ी का बना हो तो सर्वश्रेष्ठ है। रक्षा सूत्र बांधते वक्त भाई को पूर्व दिशा की ओर बिठाएं। वहीं भाई को तिलक लगाते समय बहन का मुंह पश्चिम दिशा की ओर होना चाहिए। इसके बाद भाई के माथ पर टीका लगाकर दाहिने हाथ पर रक्षा सूत्र बांधें। राखी बांधने के बाद भाई की आरती उतारें फिर उसको मिठाई खिलाएं। अगर बहन बड़ी हो तो छोटे भाई को आशीर्वाद दें और छोटी हो तो बड़े भाई को प्रणाम करें।
पौराणिक कथा के अनुसार, जब भगवान विष्णु राजा बलि के कहने पर पाताल लोक चले गए थे. तब श्रावण मास की पूर्णिमा को रक्षा सूत्र बांधकर विष्णु को मांगा था. इसके अलावा एक अन्य कथा है, राजसयू के यज्ञ में द्रोपदी ने भगवान कृष्ण को राखी की जगह अपने आंचला का टुकड़ा बांधा था. मान्यता है कि इसके बाद से बहनों द्वारा अपने भाई को राखी बांधने की परंपरा शुरू हुई.