सद्भाव की मिसाल: बकरीद के दिन ही सावन की सोमवारी, यहां एक दिन बाद कुर्बानी देंगे मुस्लिम परिवार

सावन की सोमवारी पर शिवभक्‍तों की भावनाओं को देखते हुए मुजफ्फरपुर के छाता बाजार में मुस्लिम समुदाय ने लोगों ने बड़ा फैसला लिया है। उन्‍होंने बकरीद की कुर्बानी को एक दिन अागे कर दिया है।

Update: 2019-08-12 14:11 GMT

मुजफ्फरपुर -(शिवानंद गिरि)

 बिहार के मुजफ्फरपुर के एक मुस्लिम परिवार ने संप्रदायिक सद्भाव की मिसाल पेश की है। जिले के छातापुर बाजार में में रहने वाले मुस्लिम परिवारों ने सावन की अंतिम सोमवारी व बकरीद एक ही दिन पड़ने के कारण मुसलमानों ने बकरीद की कुर्बानी को एक दिन के लिए टालने का बड़ा फैसला लिया है।

वार्ड पार्षद केपी पप्पू के आग्रह पर मुस्‍लिम समुदाय के लोगों ने भाईचारा बनाए रखने का यह ऐतिहासिक फैसला किया है।  छाता बाजार मस्जिद के इमाम मौलाना सईदुज्जमां एवं मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष दिलशाद अहमद व सचिव हाजी मो. आजाद ने समुदाय के लोगों से बकरीद की कुर्बानी मंगलवार को करने की अपील की।

उन्‍होंने बताया कि इस अपील के बाद मुसलमानों ने बकरीद के प्रथम दिन (सोमवार) को कुर्बानी नहीं करने का फैसला किया है। हां, नमाज अपने वक्‍त पर होगा। सावन के मौके पर बाबा गसूरतालन है कि सोमबार मो गरीबनाथ मंदिर में जल चढ़ाने वाले शिवभक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है।

लिहाजा उनकी धार्मिक भावना का ख्याल रखते हुए यह फैसला लिया गया। छाता बाजार मस्जिद के सचिव ने बताया कि छातापुर बाजार के करीब ढाई से तीन दर्जन मुस्लिम परिवारों ने बकरीद के अगले दिन कुर्बानी देने पर सहमति जताई है।

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