चमकी बुखार को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर, 113 बच्चों की हो चुकी है मौत

चमकी बुखार पड़ोस के पूर्वी चंपारण और वैशाली जैसे जिलों में भी पहुंच गया है।

Update: 2019-06-19 10:05 GMT

बिहार। बिहार में एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम (AES) यानी चमकी बुखार का प्रकोप बढ़ता जा रहा है, बच्चों की मौत का सिलसिला थम नहीं रहा है। इस बुखार से मरने वालों की संख्या बढ़कर 113 पहुंच गई है. मुजफ्फरपुर के श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज व अस्पताल (एसकेएमसीएच) और केजरीवाल अस्पताल में लगभग 450 बच्चे एडमिट हैं। हालांकि मुजफ्फरपुर में बच्चों की मौत का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। चमकी बुखार से बच्चों की मौत पर दायर जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सोमवार को सुनवाई करेगा। इस बीच मुजफ्फरपुर में चमकी से अबतक 113 बच्चों की मौत हो चुकी है। कल रात से आज सुबह तक चमकी से तीन बच्चों की मौत हो गई। चमकी बुखार पड़ोस के पूर्वी चंपारण और वैशाली जैसे जिलों में भी पहुंच गया है।

चमकी बुखार से पीड़ित मासूमों की सबसे ज्यादा मौतें मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच अस्पताल में हुई हैं। वहीं चमकी बुखार की आंच अब मोतिहारी तक पहुंच गई है, जहां एक बच्ची बुखार से पीड़ित है। चमकी बुखार के रोकथाम को लेकर अब तक जो भी प्रयास किए जा रहे हैं वो स्थिति को देखते हुए नाकाम साबित हो रहे हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन पूरी टीम के साथ रविवार को मुजफ्फरपुर पहुंचे और डॉक्टरों को क्लीन चिट देते हुए कहा कि अस्पताल पूरी कोशिश कर रहा है। तो पिछले दिनों सीएम नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी पहुंचे थे। सुविधाओं की कमी और खराब इलाज को लेकर प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री वापस जाओ के नारे लगाए।  

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