बिहार में आई शिक्षक भर्ती तो फॉर्म भरने को तैयार हैं यूपी के बेरोजगार
यूपी में बेरोजगारी का ये आलम है कि, किसी भी राज्य में कोई वेकेंसी आती है तो यूपी के बेरोजगार युवक वहां का फॉर्म भरने के लिए तैयार रहते हैं। यूपी में 2018 के बाद नहीं आई है शिक्षक भर्ती
बिहार लोक सेवा आयोग की ओर से शिक्षकों के 170461 पदों पर भर्ती शुरू होने के साथ उत्तर प्रदेश के बेरोजगार युवक भी फॉर्म भरने के लिए भागदौड़ करने लगे हैं।
यूपी के युवक पटना के वकीलों से संपर्क कर रहे हैं
बिहार में कक्षा एक से पांच तक के स्कूलों 79943 पदों पर निकली भर्ती में शामिल होने के लिए गोरखपुर, मऊ, बलिया, आजमगढ़, गाजीपुर समेत अन्य जिलों के बेरोजगारों ने पटना हाईकोर्ट के वकीलों से संपर्क करना शुरू कर दिया है।
बिहार की शिक्षक भर्ती में दूसरे अन्य राज्य के अभ्यर्थियों को अवसर नहीं दिया गया है।
बिहार में शिक्षक भर्ती आवेदन के लिए शर्त है कि अभ्यर्थी को बिहार का स्थायी निवासी होना चाहिए। अन्य प्रदेशों के अभ्यर्थियों को नहीं दिया जाता है मौका।
यूपी में 2018 के बाद नहीं आई शिक्षक भर्ती
उत्तर प्रदेश के परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में दिसंबर 2018 के बाद से भर्ती न आने से परेशान बेरोजगारों का कहना है कि 68500 और 69000 शिक्षक भर्ती में बिहार के अभ्यर्थियों को मौका मिला था।लिहाजा बिहार की भर्ती में यूपी के अभ्यर्थियों को अवसर मिलना चाहिए।
राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) की ओर से निर्धारित न्यूनतम शैक्षणिक अर्हता पूरी करने वाले अभ्यर्थियों को इस प्रकार बाहर किया जाना उचित नहीं है।
यूपी के सभी जिलों के युवा फॉर्म भरने को हैं तैयार
चाहे आजमगढ़ के बेरोजगार युवक हों या गाजीपुर के बेरोजगार युवा हों या गोरखपुर के युवा सभी भर्ती में शामिल होने के लिए पटना हाईकोर्ट में याचिका करने जा रहे हैं।
यूपी में शिक्षक भर्ती न आने से परेशान हैं युवा
उत्तर प्रदेश में 1.37 लाख शिक्षामित्रों के सहायक अध्यापक पद पर समायोजन निरस्त होने के बाद सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर दो चरणों में पहले जनवरी 2018 में 68500 और फिर दिसंबर 2018 में 69000 शिक्षक भर्ती जारी हुई थी।
उसके बाद से कोई भर्ती नहीं आई है और बीटीसी/डीएलएड व UPTET/CTET पास लाखों बेरोजगार परेशान हैं।