कोरोना का खौफ: चीन से भारत आई बिल्‍ली की वजह से बवाल

चेन्नई पोर्ट के अधिकारियों को शक है कि चीन से आए कंटेनर के साथ आई बिल्‍ली कोरोना वायरस से ग्रस्‍त हो सकती है। इसलिए वे इसे वापस चीन भेजने की बात कह रहे हैं। वहीं पशुओं के अधिकारों के लिए काम करने वाली संस्‍था पेटा इसका विरोध कर रही है।

Update: 2020-03-03 11:34 GMT

देश में कोरोना वायरस की वजह से जहां अफरातफरी का माहौल है वहीं चेन्‍नै में एक बिल्‍ली ने अजीब विवाद खड़ा कर दिया है। चेन्‍नै पोर्ट के अधिकारियों को शक है यह बिल्‍ली चीन से आए कंटेनर के साथ आई है इसलिए कोरोना से ग्रस्‍त हो सकती है इसलिए इसे चीन वापस भेजा जाए। वहीं पशुओं के अधिकारों के लिए काम करने वाली संस्‍था पेटा इसका विरोध कर रही है।

यह बिल्‍ली चीन से 20 दिन पहले एक कंटेनर के साथ चेन्‍नै बंदरगाह आई थी। इसे चीन भेजे जाने पर इसके जीवित बचने की आशंका काफी कम है। पेटा इंडिया की रश्‍मी गोखले ने चेन्‍नै के अधिकारियों को एक खत भेजकर कहा है कि वैज्ञानिक तौर पर यह साबित हो चुका है कि बिल्लियों को न तो कोरोना वायरस का संक्रमण हो सकता है और न ही वे इसे औरों में फैला सकती हैं।

पशुप्रेमी कर रहे हैं विरोध

चूंकि चेन्‍नै के क्‍वैरंटीन अधिकारियों ने बिल्‍ली को इसके मूल देश भेजे जाने की सिफारिश की है, पेटा ने इसका इस आधार पर विरोध किया है कि यह तय करना मुश्किल है कि बिल्‍ली कंटेनर के भीतर कहां से आई। उनका तर्क है कि चीन से भारत की यात्रा 10 से 20 दिन की होती है इतने दिन में बिना खाना-पानी के बिल्‍ली का जीवित बचना मुमकिन नहीं है।

'चीन में है बिल्‍ली की जान को खतरा'

चूंकि चीन से चेन्‍नै के लिए चला पानी का जहाज सिंगापुर, कोलंबो और दूसरी जगहों से कंटेनर उतारता-चढ़ाता आता है इसलिए बहुत मुमकिन है कि बिल्‍ली इन्‍हीं में से किसी देश से जहाज पर चढ़ी हो। पेटा इसलिए भी बिल्‍ली को चीन भेजने से इनकार कर रहा है क्‍योंकि वहां बिल्लियों को मीट और फर के लिए मारा जाता है।

पेटा ने पोर्ट के अधिकारियों के लिए प्रस्‍ताव दिया है कि एक बार बिल्ली को निगरानी में रखा जाए और जरूरी टीकाकरण के बाद पेटा उसके लिए ऐसे परिवार का इंतजाम करेगी जो इस बिल्‍ली को पालने का इच्‍छुक हो।

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