श्राद्ध पक्ष 2018 : पितृपक्ष में भूलकर भी न करें ये काम!
पितृपक्ष का प्रारंभ 24 सितंबर से हो गया है और यह 8 अक्टूबर तक रहेगा?
हमारे परिवार के जिन पूर्वजों का देहांत हो चुका है, उन्हें हम पितृ मानते हैं. जब तक किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसका जन्म नहीं हो जाता, वह सूक्ष्म लोक में रहता है. ऐसा माना जाता है कि इन पितरों का आशीर्वाद सूक्ष्मलोक से परिवार के लोगों को मिलता रहता है.
पितृपक्ष का प्रारंभ 24 सितंबर से हो गया है और यह 8 अक्टूबर तक रहेगा. इस बीच अपने पितरों को प्रसन्न करने के लिए आप क्या करें, किन बातों का ख्याल रखें और क्या ना करें.
आइए जानते हैं...
1. पितृपक्ष के दौरान पान का सेवन न करें.
2. पितृपक्ष में लहसुन और प्याज से बना भोजन करने से बचें.
3. पितृपक्ष में कांच के बर्तनों का इस्तेमाल न करें. पितृपक्ष के दौरान लोहे के बर्तन का भी प्रयोग नहीं करना चाहिए. इन दिनों पत्तल पर स्वयं और ब्राह्राणों को भोजन करवाना श्रेष्ठ माना गया है.
4. कर्ज लेकर या दबाव में कभी भी श्राद्ध कर्म नहीं करना चाहिए.
5. पितृपक्ष के दिनों में मांस, मछली कभी न खाएं.
6. तांबूल अर्थात तंबाकू युक्त किसी भी पदार्थ का सेवन न करें.
7. पितृपक्ष के दौरान शुभ कार्य जैसे- विवाह, गृहप्रवेश आदि से बचना चाहिए.
8. पुरुष वर्ग दाड़ी और बाल न कटवाएं.
9. सूर्य के रहते दिन के समय में कभी न सोएं.
10. पितरों की संतुष्टि के लिए दोपहर में ब्राह्मणों को भोजन करवाना चाहिए. दोपहर का समय ही पितरों का माना गया है. सुबह और शाम का समय देवताओं के लिए होता है.