गुजरात। देशभर में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर विरोध प्रदर्शन जारी है। इस कानून को संविधान के खिलाफ बताकर विपक्षी पार्टियां विरोध कर रही हैं। इन सब विरोध प्रदर्शनों के बीच गुजरात में पाकिस्तान से आई एक महिला को भारत की नागरिकता प्रदान की गई है। पाकिस्तान से वापस लौटकर भारत आईं हसीना बेन ने दो साल पहले भारत की नागरिकता के लिए आवेदन किया था। जिसके बाद भारत सरकार द्वारा उन्हें नागरिकता प्रदान की गई है।
हसीना बेन मूलरूप से भारत की रहने वालीं थी। लेकिन 1999 में शादी के बाद वह पाकिस्तान चली गई थीं। पाकिस्तान में रहने के दौरान उनके पति की मौत हो गई, जिसके बाद उन्होंने भारत वापस लौटने का फैसला किया। दो साल पहले हसीना ने भारत की नागरिकता के लिए आवेदन किया था। अब 18 दिसंबर, 2019 को भारत सरकार की ओर से उन्हें नागरिकता का प्रमाणपत्र दिया गया है।
गुजरात के द्वारका में हसीना बेन ने भारतीय नागरिकता लेने के लिए कलेक्टर को पत्र लिखा था। द्वारका कलेक्टर डॉ नरेंद्र कुमार मीणा की तरफ से हसीना बेन को भारतीय नागरिकता का प्रमाणपत्र दिया गया।
અરજદાર શ્રી હસીનાબેન અબ્બાસઅલી વરસારીયાને ભારતીય નાગરિકતા પ્રમાણપત્ર આજરોજ આપવામાં આવ્યું.@CMOGuj @HMofficeGujarat @pkumarias pic.twitter.com/g7Zd5NZkZh
— Collector Dwarka (@COLLECTORDWK) December 18, 2019
क्या है नागरिकता कानून
नागरिकता कानून की मदद से पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश सेधार्मिक उत्पीड़न के कारण वहां से भागकर आए हिंदू, ईसाई, सिख, पारसी, जैन और बौद्ध धर्म के लोगों को भारत की नागरिकता दी जाएगी। नागरिकता संशोधन बिल के कानून बनने के बाद अब पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश और आस-पास के देशों के हिंदू, ईसाई, सिख, पारसी, जैन और बौद्ध धर्म के वो लोग जिन्होंने 31 दिसंबर 2014 की निर्णायक तारीख तक भारत में प्रवेश कर लिया था। वे सभी भारत की नागरिकता के लिए आवेदन कर सकेंगे।
गौरतलब है कि भारत सरकार के द्वारा हाल ही में नागरिकता संशोधन कानून लागू किया गया है, जिसकी वजह से देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन जारी है। दूसरी विपक्षी पार्टियां यह कहकर इस कानून का विरोध कर रही है कि ये कानून संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन करता है और इसके साथ ही कई अन्य बातों का भी उल्लंघन करता है। विपक्ष का आरोप ये भी है केंद्र सरकार का ये कानून देश में अल्पसंख्यकों के प्रति भय पैदा करता है।