गुजरात चुनाव: ईवीएम कार्यप्रणाली की जाँच सुप्रीम कोर्ट के जज करें - कांग्रेस

Update: 2017-11-24 05:05 GMT
 कांग्रेस को ईवीएम मशीन के साथ जोड़ी जाने वाली वीपीपैट मशीन पर भी भरोसा नहीं है। पार्टी का कहना है कि वीपीपैट को सौ फीसदी सही नहीं कहा जा सकता है। ये पूरा हल नहीं है सिर्फ दुबारा जांच के लिए है।
कांग्रेस ने कहा कि वीवीपैट को लेकर भी शिकायतें आ रही है लिहाजा सुप्रीम कोर्ट के वर्तमान या सेवानिवृत्त जज की निगरानी में इसकी जांच कराई जाए।
पार्टी प्रवक्ता डा. अभिषेक मनु सिंघवी का कहना है कि ऐसा क्यों होता है कि हर बार ईवीएम में कोई भी बटन दबाओ भाजपा के कमल निशान पर वोट पड़ता है। इसके लिए आयोग का दरवाजा खटखटाएंगे।
सिंघवी का कहना है कि गुजरात में भाजपा अपनी हार देख रही है। इसलिए गैरकानूनी तरीके अपनाकर खरीद-फरोख्त, लालच और लूट के माध्यम से भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रही है।
खुले आरोपों के बाद भी कुछ नहीं हो रहा है। जो निगरानी संस्थाएं लोकतंत्र को मजबूत बनाती हैं उन्हें कमजोर किया जा रहा है। विधायकों के मामले में पुलिस के दुर्पयोग के आरोप लगे। सिंघवी ने प्रधानमंत्री से हाल में भाजपा नेताओं पर लगे भ्रष्टाचार और खरीद फरोख्त के ऑडियो-वीडियो टेप की जांच कराने की मांग की है।
उनका कहना है कि वे हमारे भी प्रधानमंत्री हैं और कहते हैं न खाऊंगा न खाने दूंगा। इस वाक्य की असलियत और आत्मा क्या है। तो क्या कारण है कि पिछले दिनों गुजरात में पाटीदार नेता की खरीद फरोख्त को लेकर ऑडियो सार्वजनिक हुआ लेकिन अभी तक एफआईआर तक नहीं हुई।
पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने राज्य के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी के.कैलाशनाथन पर 12 सौ करोड़ रुपए देने और खुद के बिकाऊ न होने की बात कही है। क्या आरोपों की सच्चाई के लिए जांच नहीं होनी चाहिए। ईडी, सीबीआई और जांच एजेंसियों की निगाह क्या भाजपा नेताओं पर नहीं पड़ती है। राज्यसभा चुनाव के दौरान भी कांग्रेस के कई विधायकों ने खरीद-फरोख्त का आरोप लगया था।

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