गुजरात : राजकोट में पुलिस ने कोचिंग सेंटर पर मारा छापा, अंदर 555 स्टूडेंट्स पढ़ाई करते मिले; मचा बवाल
राजकोट जिले के इस नामी कोचिंग सेंटर के मालिक को कोरोना नियमों के उल्लंघन के मामले में गिरफ्तार कर लिए गया है.
देश के ज्यादातर राज्यों में कोरोना संक्रमण के मद्देनज़र सख्त प्रतिबंध और लॉकडाउन लागू किए गए हैं. गुजरात भी उन राज्यों में शामिल है जहां कोरोना और ब्लैक फंगस के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. हालांकि लोग अपने स्वार्थ और अनदेखी के चलते अन्य लोगों की जन खतरे में डालने से नहीं चूक रहे हैं. ऐसा ही एक मामला गुजरात के राजकोट (Rajkot) से सामने आया है जहां पुलिस ने एक कोचिंग सेंटर पर छापेमारी की तो अंदर से 555 बच्चे बरामद हुए. कोचिंग सेंटर नियमों का उल्लंघन कर छुपकर ये क्लासेज चला रहा था.
पुलिस ने बताया कि जो बच्चे अंदर मौजूद थे वे न तो मास्क पहने हुए थे और न ही क्लास में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा रहा था. राजकोट जिले के जसदान शहर में स्थित इस नामी कोचिंग सेंटर के मालिक को कोरोना नियमों के उल्लंघन के मामले में गिरफ्तार कर लिए गया है. राजकोट के पुलिस अधीक्षक बलराम मीणा ने बताया कि पुलिस को ऐसी शिकायत मिली थी कि कुछ कोचिंग सेंटर छुपकर क्लासेज चला रहे हैं. हालांकि छापा मारने गई पुलिस टीम भी तब हैरान रह गई जब सिर्फ एक ही सेंटर से 500 से ज्यादा बच्चे बरामद हो गए. इस कोचिंग सेंटर के मालिक की पहचान जयसुख सांखलवा के रूप में हुई है. इस पर महामारी एक्ट के तहत केस दर्ज कर लिया गया है.
550 परिवारों को खतरे में डाला!
बलराम मीणा के मुताबिक आरोपी को आईपीसी और महामारी रोग अधिनियम के प्रावधानों के तहत कोविड -19 नियमों के उल्लंघन और लोगों की जान खतरे में डालने के आरोपों में गिरफ्तार किया गया है. पुलिस के अनुसार, संखलवा जवाहर नवोदय विद्यालय और बालाचडी सैनिक स्कूल प्रवेश परीक्षा में बैठने वाले छात्रों को पढ़ाने के लिए एक कोचिंग सेंटर-हॉस्टल चलाता है. बच्चों को उनके माता-पिता को सौंप दिया गया है लेकिन पुलिस ने उन्हें भी चेतावनी दी है.
9 से 10 साल की उम्र के थे छात्र
पुलिस ने बताया कि ज्यादातर बच्चों की उम्र 9-10 साल थी और इन बच्चों ने न तो मास्क पहना था और न ही सामाजिक दूरी का ध्यान रखा जा रहा था. ये बच्चे एक बड़ी हॉलनुमा क्लास में बैठे हुए थे. गिरफ्तारी से पहले संखलवा ने संवाददाताओं से कहा कि छात्र 15 मई से माता-पिता की सहमति से उसके हॉस्टल में रह रहे हैं. उसने दावा किया कि उनमें से ज्यादातर नवोदय विद्यालय प्रवेश परीक्षा के लिए उपस्थित होने वाले हैं, जो स्थगित हो गई. इन बच्चों के माता-पिता ने मुझे उन्हें घर भेजने के बजाय हॉस्टल में रखने के लिए कहा था. पुलिस ने कहा कि इस तरह की असावधानी 'सुपर स्प्रेडर' साबित होती है.