मनचाहा विभाग ने मिलने से नाराज चल रहे गुजरात डिप्टी सीएम नितिन पटेल को मिला वित्त मंत्रालय लौटा दिया गया है. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने उन्हें वित्त मंत्रालय लौटाने का आश्वासन दिया था. इसी के साथ गुजरात सरकार में आया संकट समाप्त हो गया है.
कैबिनेट में अपनी पसंद का मंत्रालय नहीं मिलने के कारण नितिन पटेल कार्यभार संभालने में देरी कर रहे थे. हालांकि आज सुबह शाह से बातचीत के बाद सरकार में उनके 'कद' के मुताबिक नंबर दो का मंत्रालय दिए जाने के आश्वासन के बाद पटेल कार्यभार संभालने के लिए तैयार हो गये.
पटेल ने कहा था, ''भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से आज तड़के बातचीत हुई और उन्होंने मुझे आश्वासन दिया कि मुझे मेरे पद के हिसाब से कैबिनेट में नंबर दो का मंत्रालय दिया जाएग." हालांकि, शहरी विकास मंत्रालयों उन्हें दिए जाने की अभी तक कोई खबर नहीं आई है. पूर्ववर्ती सरकार में उनके पास ये मंत्रालय भी था.
पटेल ने कहा था, ''शाह ने मुझसे मेरे विभागों का कार्यभार संभालने को कहा है, ऐसे में मैं आज कार्यभार संभाल लूंगा. मुख्यमंत्री विजय रूपाणी दोपहर में राज्यपाल ओपी कोहली से मुलाकात करेंगे और मुझे आवंटित नए विभाग के बारे में पत्र सौपेंगे." पूर्ववर्ती सरकार में वित्त और शहरी विकास जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालयों का कार्यभार संभालने वाले पटेल को इस बार सड़क और भवन, स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा, नर्मदा, कल्पसर एवं अन्य परियोना विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई थी.
इस बार वित्त विभाग सौरभ पटेल को दिया गया था जबकि मुख्यमंत्री रूपाणी ने शहरी विकास मंत्रालय का कार्यभार अपने पास रखा है.
इससे पहले पटेल ने कहा था कि यह कुछ मंत्रालयों से जुड़ा मुद्दा नहीं, बल्कि 'आत्म सम्मान' का मामला था. उन्होंने आज कहा, ''मैंने पार्टी आलाकमान से कहा था कि मुझे सम्मानजनक विभाग दिए जाएं या मुझे कैबिनेट से मुक्त कर दिया जाए.'' पटेल ने कहा कि वह एक ''वफादार और अनुशासित सैनिक'' की तरह पार्टी की सेवा करते रहे हैं. 182 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के 99 और कांग्रेस के 77 विधायक हैं.