गुजरात चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी की सबसे बड़ी भूल, क्या जनता को ...?

Update: 2017-12-03 05:53 GMT
गुजरात चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी की सबसे बड़ी भूल, क्या जनता को ...?
  • whatsapp icon

गुजरात चुनाव के पहले चरण का मतदान नौ दिसंबर को होना है. इस बीच सत्‍ताधारी बीजेपी और कांग्रेस के बीच चुनावी जंग तेज हो गई है. एक तरफ बीजेपी जहां अपने 'विकास मॉडल' की बदौलत जनता से वोट मांग रही है, वहीं कांग्रेस इस मॉडल पर सवाल खड़े कर रही है. लेकिन जनता के लिए कोई भी अपना चुनावी घोषणा पत्र भी नहीं जारी कर पा रहे है. 


इस बीच चुनावी बयानबाजी 'जनेऊधारी हिंदू' और 'हिंदू या जैन' होने के मसले तक पहुंच गई है. इस बीच बड़ा सवाल यह खड़ा हो रहा है कि चुनावी सरगर्मी बढ़ने के साथ ही अब तक बीजेपी और कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र को जारी ही नहीं किया है, जबकि अब पहले चरण के मतदान में महज एक हफ्ता ही बचा है.


चुनावी घोषणापत्र हर पार्टी का एजेंडा और वायदा होता है. आमतौर पर माना जाता है कि इसके आधार पर ही वोटर अपनी राय बनाता है लेकिन अभी तक इन दोनों ही दलों ने मेनिफेस्‍टो जारी करने की जहमत नहीं उठाई है. कांग्रेसी सूत्रों का कहना है कि उनका घोषणापत्र पांच या सात दिसंबर को जारी होगा. बीजेपी ने भी अगले हफ्ते ही घोषणापत्र जारी करने की बात कही है.

अभी बस कांग्रेस और बीजेपी के शीर्ष नेताओं ने वायदे भर किए हैं, उनके घोषणापत्र के रूप में लिखित दस्‍तावेज अभी सामने नहीं आए हैं. उनके वायदे घोषणापत्र में कितना स्‍थान पाएंगे, यह देखने वाली बात होगी. इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को दो दिवसीय दौरे पर एक बार फिर गुजरात पहुंच रहे हैं. वह अब तक आठ चुनावी रैलियां वहां कर चुके हैं. इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री और कांग्रेस नेता मनमोहन सिंह ने शनिवार को गुजरात दौरे के दौरान सूरत में स्‍थानीय कारोबारियों को संबोधित करते हुए कहा, ''मैं चाहूंगा कि प्रधानमंत्री लोगों से वोट हासिल करने और उन्हें प्रभावित करने के लिए अधिक सम्मानजनक तरीके खोजें...'' 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोलते हुए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि मोदी यह समझने में नाकाम रहे कि नोटबंदी और जीएसटी के फैसले उनके अपने ही राज्य के लोगों को क्या ''दर्द'' दे रहे हैं. उन्होंने नोटबंदी को जहां अधूरी तैयारी से किया गया फैसला बताया वहीं जीएसटी को ''खराब तरीके से तैयार और जल्दबाजी में लागू किया गया" कदम बताया. उन्होंने सत्तारूढ़ दल की ''निम्न-स्तरीय लफ्फाजी'' पर भी अफसोस जताया.
बीजेपी के वरिष्ठ नेता अरूण जेटली ने गुजरात विधानसभा चुनाव के प्रचार के बीच कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की मंदिर यात्राओं को खारिज करते हुए कहा कि जब असली हिंदुत्व पार्टी उपलब्ध है तो लोग इसके ''क्लोन'' को नकार देंगे. केंद्रीय वित्त मंत्री ने मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती संप्रग सरकार पर भी हमला बोला. 

इतनी सब बातें होने के बाबजूद भी गुजरात की जनता की चिंता किसी भी पार्टी को नहीं. जो जनता से पुरी तरह से वायदा कर सके कि हम आपको चुनाव के बाद ये सब जरुर मुहैया करायेंगे. अब प्रचार के लिए पहले चरण के मतदान में सिर्फ चार दिन बाकी है. लेकिन दोनों ही पार्टी का चुनावी घोषणा पत्र का लता पता नहीं है. सबको बस वोट की चिंता है न की गुजरात की जनता की. हालांकि बीजेपी ने तो देश में भी चुनाव गुजरात माडल पर लड़ा था तो अब गुजरात में विकास के कार्य लगभग पूर्ण हो चुके है. लेकिन कांग्रेस तो 22 साल बाद सत्ता में लौट रही है तो उसे तो कुछ करना चाहिए. 

Similar News