Gujrat Violence : दंगाई पथराव और पेट्रोल बम से कर रहे हैं हमला, हिम्मत नगर से लोग कर रहे पलायन
रामनवमी के मौके पर 10 अप्रैल को गुजरात के हिम्मतनगर (Himmatnagar), खंभात और द्वारा में दो समुदायों के बीच दंगे हुए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृहराज्य गुजरात (Gujarat) से दिल तोड़ने वाली तस्वीरें सामने आ रही हैं। रामनवमी के मौके पर 10 अप्रैल को गुजरात के हिम्मतनगर (Himmatnagar), खंभात और द्वारा में दो समुदायों के बीच दंगे हुए। इसके बाद हालात को नियंत्रण में करने के लिए तीनों जिलों में धारा 144 लागू कर दी गई लेकिन अगले ही दिन 11 अप्रैल की देर रात फिर दंगाईयों ने हिम्मतनगर के वंजारावास इलाके में दूसरे समुदाय के घरों पर हमला बोलना शुरु कर दिया। इसके चलते अब लोगों को पलायन (Migration) करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
जानकारी के मुताबिक पुलिस (Gujarat Police) ने इससे पहले दोनों समुदायों से अपील की थी कि वह शांति बनाए रखें। इसके बावजूद दंगाइयों ने एक खास समुदाय के लोगों के घरों में पेट्रोल बम और पत्थर फेंके। इसकी वजह से दर्जनों परिवार अपनी जान बचाने की खातिर पलायन करने को मजबूर हो गए हैं और पुलिस उनकी भी मदद नहीं कर रही है।
वंजारावास क्षेत्र के लोगों का कहना है कि पुलिस ने उन्हें घर से बाहर न निकलने की हिदायत दी थी लेकिन सोमवार देर रात उनकी बस्ती पर हमला हुआ। घरों में तोड़फोड़ की गई और सामान भी चोरी कर लिया गया। रात में चांदनगर और हसननगर के लोगों ने उनपर हमला किया था। दंगाइयों ने उनके घरों पर पेट्रोल बम पेंके जिससे दो घरों में आग लग गई थी। पुलिस टीम के पहुंचने तक हमलावर फरार हो गए थे।
साबरकांठा जिले के हिम्मतनगर में रामनवमी के जुलूस पर पथराव की घटना हुई थी। इसके बाद गृह विभाग और पुलिस प्रशासन ने रैपिड एक्शन फोर्स और स्पेशल रिजर्व पुलिस की तैनाती कर दी थी। इसके अलावा दंगों को रोकने के लिए जिला पुलिस प्रमुख और कलेक्टर की अध्यक्षता में सोमवार की शाम शांति समिति की बैठक भी हुई थी लेकिन कुछ ही घंटों के बाद देर रात फिर हिम्मतनगर के वंजारावास में हमला हो गया। बस्ती में रहने वाले एक व्यक्ति राहुल सिंह ने मीडिया को बताया कि अब तक करीब पचास परिवार बस्ती को छोड़कर जा चुके हैं।
हिम्मतनगर की कुछ महिलाओं ने आरोप लगाया कि पुलिस भी इन दंगाइयों का पूरा सपोर्ट कर रही है। पुलिसवाले हम पर आसू गैस से हमला करती है। बच्चों पर भी हमला करते हैं। स्थानीय महिलाओं के मुताबिक पुलिसवालों का इन दंगाइयों को सपोर्ट था तब जाकर ही इनकी इतनी हिम्मत बढ़ी। सामने वालों की तरफ से पुलिस वालों ने भी पत्थर मारे।
वहीं पलायन की खबर मिलते ही पुलिस अधिकारियों के साथ गृह राज्यमंत्री हर्ष संघवी वंजारावास पहुंचे और लोगों से उनकी सुरक्षा का वादा किया। फिलहाल इलाके में पुलिस के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं। सीसीटीवी फुटेज और अन्य साधनों से रात में हमला करने वाले लोगों की तलाश की जा रही है। अब तक पंद्रह संदिग्धों को हिरासत में लिया गया।
हिम्मतनगर में रामनवमी के दिन शोभा यात्रा निकाली जा रही थी इसी दौरान हसननगर दरगाह के पास जुलूस में लाउडस्पीकर बजाने को लेकर दोनों पक्षों में बहस हो गई थी। लेकिन यह बहस इतने आगे बढ़ गई की दोनों पक्षों में पथराव और मारपीट होने लगी। बाद में गाड़ियां और दुकानें जला दी गईं। इस घटना में दस पुलिसकर्मियों के घायल होने की खबर भी सामने आयी थी।