IAS success story : मिलिए IAS अधिकारी अंजू शर्मा से, जो 10वीं, 12वीं की परीक्षा में हुई थीं फेल, पहले ही प्रयास में क्रेक किया UPSC!
UPSC परीक्षा को क्रैक करना और IAS अधिकारी बनना आसान नहीं है और UPSC परीक्षा को पास करने के लिए बहुत मेहनत, दृढ़ता और धैर्य की आवश्यकता होती है।
IAS success story : यूपीएससी परीक्षा को कई लोगों द्वारा दुनिया की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है और हर साल भारत भर से लाखों उम्मीदवार आईएएस अधिकारी बनने के लिए यूपीएससी परीक्षा में शामिल होते हैं। UPSC परीक्षा को क्रैक करना और IAS अधिकारी बनना आसान नहीं है और UPSC परीक्षा को पास करने के लिए बहुत मेहनत, दृढ़ता और धैर्य की आवश्यकता होती है।
आईएएस अधिकारी अंजू शर्मा एक ऐसी व्यक्ति हैं जिन्होंने अपने पहले प्रयास में यूपीएससी परीक्षा को क्रैक करने के लिए असाधारण धैर्य दिखाया है। दिलचस्प बात यह है कि अंजू शर्मा 10वीं और 12वीं क्लास में फेल हो गई थीं। लेकिन उन्होंने इसे निराशा के तौर पर नहीं लिया, बल्कि फिर से लगन के साथ पढ़ाई की। इसका फायदा कुछ यूं मिला कि उन्होंने न सिर्फ बोर्ड एग्जाम पास किया, बल्कि पहले ही प्रयास में UPSC Exam भी क्लियर कर दिया।
अंजू शर्मा 10वीं क्लास में हुए प्री-बोर्ड एग्जाम में असफलता का स्वाद चखना पड़ा। वह केमेस्ट्री के एग्जाम में फेल हो गईं. सिर्फ इतनी ही नहीं, जब वह किसी तरह से 10वीं पास कर आगे 12वीं में पहुंचीं, तो फिर उन्हें एक और झटका लगा। दरअसल, 12वीं क्लास के बोर्ड एग्जाम में वे इकोनॉमिक्स के सब्जेक्ट में फेल हुईं. हालांकि, उन्हें बाकी के अन्य सब्जेक्ट्स में डिस्टिंक्शन मार्क्स मिले थे। उन्होंने इन विफलताओं के आगे हार नहीं मानी, बल्कि इससे सीख लेने की कोशिश की।
अंजू शर्मा ने जयपुर से बीएससी और एमबीए किया है। IAS अधिकारी बनने के बाद, अंजू शर्मा ने 1991 में राजकोट में सहायक कलेक्टर के रूप में अपना करियर शुरू किया। वह वर्तमान में सरकारी शिक्षा विभाग (उच्च और तकनीकी शिक्षा), सचिवालय, गांधीनगर की प्रमुख सचिव हैं।
22 साल की उम्र में क्रैक किया UPSC
एक इंटरव्यू में अंजू शर्मा ने कहा था कि प्री-बोर्ड एग्जाम के दौरान कई सारे चैप्टर्स को पढ़ना बाकी था. डिनर का वक्त हो चला था और अब मुझे घबराहत होने लगी कि एग्जाम की तो तैयारी हुई ही नहीं है. अगर ऐसा रहा तो मैं फेल हो जाऊंगी. उन्होंने बताया कि हर कोई ये कह रहा था कि 10वीं के नंबर बेहद जरूरी होते हैं, क्योंकि ये हमारे आगे के भविष्य को तय करते हैं.