70 साल में क्या हुआ का जवाब गुजरात मॉडल का सच
गुजरात हाईकोर्ट ने कहा कि अहमदाबाद के कोविद 19 के नोडल सिविल अस्पताल की हालत गंद भरे तहख़ाने से भी ख़राब है.
लगातार 23 साल तक भाजपा राज के बाद गुजरात मॉडल का सच . गुजरात हाईकोर्ट ने कहा कि अहमदाबाद के कोविद 19 के नोडल सिविल अस्पताल की हालत गंद भरे तहख़ाने से भी ख़राब है.
कोविद 19 मृत्यु दर:
गुजरात: 5.97 %
मध्य प्रदेश: 4.65% (दोनों भाजपा शासित)
केरल: 0.60 %
पंजाब: 1.89 %
तेलंगाना: 2.29 % (तीनों विपक्ष शासित)
गुजरात सरकार के महाधिवक्ता गुजरात हाई कोर्ट से: कोविद 19 के ज़्यादा टेस्ट इसलिए नहीं कर रहीं कि 70 प्रतिशत आबादी संक्रमित निकलेगी और जनता में भय फैल जाएगा!
माने इससे बेहतर है मरने के लिए छोड़ देना।
अहमदाबाद हॉस्पीटल्स एंड नर्सिंग होम एसोसिएशन ने गुजरात सरकार को लिखे एक पत्र में पूछा है कि जांच कम करने का निर्देश किसका था? और कहा है कि जो भी अधिकारी हो उसी को इसके घातक नतीजों के लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। द हिन्दू के महेश लंगा ने ट्वीट में बताया है।
गुजरात सरकार के सरदार बल्लभभाई पटेल अस्पताल ने 1 ही नाम के दो व्यक्तियों के टेस्ट के बाद संक्रमित को घर भेज दिया और जिसको संक्रमण नहीं था उसका इलाज करना शुरू कर दिया।
बाक़ी परेशान न होइयेगा। आपके राज्यों को इस विकास तक लाने में भाजपा 23 साल न लगायेगी। डबल इंजन जो है।