CM खट्टर बोले, 'नमाज मस्जिद या ईदगाह में पढ़ें, पब्लिक प्लेस पर नहीं'
खट्टर ने कहा कि नमाज मस्जिद या ईदगाह के अंदर ही पढ़नी चाहिए। सार्वजनिक स्थानों पर नमाज पढ़ने की बजाय मस्जिद और ईदगाह में जाना चाहिए।'
नई दिल्ली : हरियाणा के गुरुग्राम में हाल के दिनों में शुक्रवार की नमाज में हिंदूवादी संगठनों की ओर से बाधा पहुंचाए जाने की घटनाओं पर हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने टिप्पणी की है। सीएम खट्टर ने रविवार को कहा कि नमाज मस्जिद या ईदगाह के अंदर ही पढ़नी चाहिए। एएनआई से बातचीत में खट्टर ने कहा, 'यह हमारी ड्यूटी है कि कानून और व्यवस्था को बनाए रखा जाए। खुले में नमाज पढ़ने का प्रचलन बढ़ा है। सार्वजनिक स्थानों पर नमाज पढ़ने की बजाय मस्जिद और ईदगाह में जाना चाहिए।'
बीते शुक्रवार को भी गुरुग्राम में हिंदूवादी संगठनों के कुछ लोगों की ओर से कई इलाकों में नमाज में बाधा पहुंचाए जाने की बात सामने आई थी। शहर के कई इलाकों में भीड़ की ओर से 'जय श्री राम' और 'बांग्लादेशी वापस जाओ' जैसे लगाए जाने और नमाज में बाधा पैदा करने के चलते अजीब माहौल हो गया था। खासतौर पर यह घटनाएं शहर के व्यस्त इलाकों इफको चौक, उद्योग विहार, लेजर वैली पार्क और एमजी रोड पर हुई थीं।
It is our duty to maintain law & order. There has been an increase in offering namaz in open. Namaz should be read in Mosques or Idgahs rather than public spaces: Haryana CM Manohar Lal Khattar on increase in the number of incidents of disrupting namaz in Gurugram pic.twitter.com/82ZQw6M2WN
— ANI (@ANI) May 6, 2018
कैंडर टेकस्पेस के बाहर एक पार्क में कॉर्पोरेट एग्जिक्युटिव्स के एक ग्रुप को भारी सुरक्षा कवर के बीच नमाज पढ़नी पड़ी थी। शुक्रवार को गुड़गांव में जो हुआ, उसकी तैयारी करीब एक महीने से चल रही थी। 6 अप्रैल को वजीराबाद गांव के कुछ लोगों ने सेक्टर 43 के ग्राउंड में नमाज पढ़े जाने का विरोध किया था। इसके बाद सेक्टर 53 पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई थी और 6 लोगों को अरेस्ट किया गया था।
हिंदूवादी संगठनों के कार्यकर्ताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराए जाने के बाद संयुक्त हिंदू संघर्ष समिति के बैनर तले विरोध प्रदर्शन भी हुए थे। विरोध करने वाले लोगों को कहना था कि जिन 6 युवाओं के खिलाफ केस दर्ज किए गए हैं, वे सरकारी जमीन पर नमाज पढ़े जाने का विरोध कर रहे थे। यही नहीं उनका यह भी पक्ष था कि सरकारी जमीनों पर कब्जे की रणनीति के तहत वहां नमाज पढ़ी जा रही है।