बल्लभगढ़ ( हरियाणा) गत दिवस मलेरणा रोड स्थित स्थानीय बालाजी कालेज आफ एजुकेशन में बी एड सत्र के शुभारंभ के अवसर पर आयोजित समारोह में बोलते हुए वरिष्ठ पत्रकार, लेखक, पर्यावरणविद एवं राष्ट्रीय पर्यावरण सुरक्षा समिति के अध्यक्ष ज्ञानेन्द्र रावत ने प्रशिक्षु शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि आपके ऊपर राष्ट्र निर्माण की महती जिम्मेदारी है। यथार्थ में शिक्षक छात्रों के ही जीवन का निर्माण नहीं करता, वह राष्ट्र निर्माण और उसका चहुंमुखी विकास करने वाले देश के भावी कर्णधारों के निर्माण में भी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करता है।
उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण के दौरान आपको शिक्षण की विभिन्न कलाओं, विधियों के साथ -साथ सांस्कृतिक,सामाजिक ,व्यावहारिक एवं पारंपरिक सरोकारों के बारे में जानने-समझने का भी अवसर मिलेगा। यह ज्ञान आपके जीवन पथ को उन्नत बनाने में मील का पत्थर साबित होगा। इसके साथ ही मेरा आप सभी से कहना है कि आज सबसे बड़ा संकट बिगड़ते पर्यावरण का है। यह सबसे बडा़ सवाल हम सबके सामने है। क्योंकि इसके बिना जीवन की कल्पना ही बेमानी है। इसलिए प्रकृति से नाता जोड़ो। प्रकृति प्रदत्त संसाधनों की रक्षा करो। यदि हम यह कर सके, तभी मानव सभ्यता की रक्षा संभव है। आशा है आप इस महत्वपूर्ण दायित्व को चुनौती मानकर निबाहने में सफल होंगे।
इस अवसर पर प्रख्यात वरिष्ठ पत्रकार, नदी जल एवं प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण हेतु समर्पित श्री पंकज मालवीय ने अपने सम्बोधन में कहा कि आज सबसे बड़ी आवश्यकता जीवन में संस्कारों के पालन की है। असलियत यह है कि मौजूदा परिदृश्य में संस्कारों का महत्व नगण्य होता जा रहा है। जबकि जीवन संस्कारों के बिना अधूरा है। इसकी महत्ता जगजाहिर है। चरित्र निर्माण में संस्कारों की भूमिका को नकारा नहीं जा सकता। यदि हम ऐसा करने में कामयाब हो गये तो हमारा जीवन सार्थक हो जाएगा।
समारोह का प्रारंभ अतिथि द्वय श्री ज्ञानेन्द्र रावत व श्री पंकज मालवीय द्वारा मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर व दीप प्रज्वलित कर किया गया। समारोह के दौरान छात्र-छात्राओं द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक रंगारंग गतिविधियों की सभी उपस्थित जनों ने भूरि- भूरि प्रशंसा की। समारोह की अध्यक्षता डा. जगदीश चौधरी ने की। समारोह के अंत में बालाजी कालेज के निदेशक, शिक्षाविद एवं विश्व जल परिषद के सदस्य डा. जगदीश चौधरी ने अतिथि द्वय श्री रावत एवं श्री मालवीय को शाल ओढ़ाकर व स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया और सभी उपस्थित जनों का आभार व्यक्त किया। समारोह में विभिन्न शिक्षा संस्थानों के प्रमुखों, समाजसेवी संगठनों के पदाधिकारियों और नवागत छात्र छात्राओं के अभिभावकों की उपस्थिति विशेष रूप से उल्लेखनीय रही।