एक 6 माह गर्भवती कर्मचारी को प्राइवेट कंपनी ने निकाला जानते हो क्यों?
बस उसकी ये गलती थी की उसने "वर्क फ्रॉम होम मांग लिया" कोरोना में..
पूजा शुक्ला जो की C1 India Private Ltd Gurgaon में पिछले 5 सालो से अच्छा काम कर रहे थे! कोरोना ने उसकी पूरी जिंदगी ही बदल दी. पूजा को नहीं पता था ये कोरोना के बाद उसको क्या क्या परेशानी का सामना करना है.
पिछले महीने 21 सितम्बर को ऑफिस खुला और पूरे लॉक डाउन में जब की पूजा अपना काम 100% प्रोडक्टिव रह कर! और पूजा ने 15 सितम्बर को अपने मैनेजर मुकेश कुमार और H.R.- प्रवीण कुमारी दोनों को फ़ोन पर और मेल पर बताया की मेरे पिछले हिस्ट्री में भी थोड़ी कम्प्लीकेशन आये थे बच्चे को ले कर और जैसे अभी कोरोना की जो समयस्या चल रहे है कोरोना से सबसे ज्यादा खतरा बुजुर्ग बच्चों और प्रेग्नेंट वीमेन को है मेरे डॉक्टर और मेरे फॅमिली नहीं बोल रहे है ऑफिस जाने को प्लीज आप मुझे दिसंबर तक वर्क फ्रॉम होम की परमिशन दे!! और डॉक्टर की सलाह से पूजा को 10 दिनों का वर्क फ्रॉम होम मिला ! पूजा को जरा सा भी अंदाजा नहीं था की अब आगे क्या परेशानी आने वाले है पूजा और उसके पेट में पल रहे बचे के लिए!
न जाने CEO संजय पूरी और मैनेजर मुकेश कुमार और HR, प्रवीण कुमारी के दिमाग में क्या था! दोनों लोगों ने पूजा को परेशान करना शुरू कर दिया फ़ोन कर कर के. बोलने लगे अगर आप ऑफिस नहीं आ सकते तो आप कंपनी छोड़ दो! पूजा इनके सामने बोलते रहे इस टाइम मुझे कहा नौकरी मिलेंगे क्यों रखेगा और आप लोगो को ये सोचना चाहिए मैंने इस कंपनी में अपने 5 साल बिताये है मेरे ऊपर कुछ तो रहम करो आपलोग. उन्होंने पूजा के एक भी बात नहीं सुनी और पूजा को जॉब से निकल दिया.
मेरा सवाल आपसे है आपको लगता है पूजा की कोई गलती है. क्या प्राइवेट कंपनी अपने मन मर्जी से कुछ भी कर सकती है यहाँ तक की वो ये भी नहीं देखते सामने कौन खड़ा है किस परेशानी में देगा.