हरियाणा : करनाल में बवाल के बीच खट्टर को रद्द करना पड़ा दौरा, पुलिस ने किसानों पर किया लाठीचार्ज, आंसू गैस के गोले दागे
करनाल में बीजेपी की तरफ से बुलाई गई किसान महापंचायत रैली में किसानों और पुलिस के बीच झड़प के बाद राज्य के मुख्यमंत्री खट्टर ने गांव का दौरा रद्द कर दिया है.
करनाल : हरियाणा (Haryana) के करनाल जिले के कैमला गांव में बीजेपी की तरफ से बुलाई गई किसान महापंचायत रैली में किसानों और पुलिस के बीच झड़प के बाद राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने गांव का दौरा रद्द कर दिया है. यहां पर हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर किसानों के बातचीत करने वाले थे और उन्हें नए कृषि कानूनों का फायदा समझाने वाले थे. लेकिन तभी वहां पर कृषि कानूनों का विरोध कर रहे सैकड़ों किसान पहुंच गए. इस किसानों ने मुख्यमंत्री को काले झंड़े दिखाए और नारेबाजी.
पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने की कोशिश की, लेकिन किसान नहीं माने. पुलिस ने उग्र किसानों पर ठंडे पानी की बौछार और आंसू गैस के गोले दागे हैं. इससे वहां स्थिति तवानपूर्ण बनी हुई है. रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस ने प्रदर्शनकारी किसानों पर पानी की बौछारें छोड़ी है. मौके पर खूब हंगामा हुआ है और वहां पर स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है.
इस घटना की वे वीडियो में सैकड़ों किसान खेतों में भागते हुए दिख रहे हैं. पुलिस इन किसानों पर लाठियां बरसा रही है. कई किसानों पर आंसू गैस के गोले छोड़े गए हैं. किसानों को तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछारें छोड़ी. घटना के बाद किसान फिलहाल आस-पास के गांवों में चले गए हैं. यहां पर अब बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है.
Farmers ransack Khattar's Kisan Mahapanchayat venue; cops use tear gas, water cannons to disperse protesters
हेलीपैड पर कब्जा, सीएम के स्टेज पर तोड़फोड़
इस बीच करनाल मुख्यमंत्री सीएम के के लिए बनाए गए स्टेज पर किसानों ने की तोड़फोड़ की है. प्रदर्शनकारी किसानों ने कुर्सियां टेबल तोड़ डाली है. मुख्यमंत्री के हेलीपैड पर भी किसान इकट्ठा हो गए हैं. अभी तक मुख्यमंत्री का हेलीकॉप्टर यहां लैंड नहीं कर पाया है.
इस घटना पर कांग्रेस ने सीएम खट्टर पर हमला किया है. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि खट्टर सरकार किसान महापंचायत का ढोंग बंद करें. सुरेजेवाला ने ट्वीट किया, "मा. मनोहर लाल जी, करनाल के कैमला गांव में किसान महापंचायत का ढोंग बंद कीजिए. अन्नदाताओं की संवेदनाओं एवं भावनाओं से खिलवाड़ करके कानून व्यवस्था बिगाड़ने की साजिश बंद करिए. संवाद ही करना है तो पिछले 46 दिनों से सीमाओं पर धरना दे रहे अन्नदाता से कीजिए."