अब दो दिन का नहीं करना होगा इंतजार, केवल 2 घंटे में कोरोना का पता चलेगा, जानिए कैसे?
मंत्री हर्षवर्धन ने ट्वीट किया, ‘‘तिरूवनंतपुरम के संस्थान द्वारा विकसित की गई जांच किट 10 मिनट में कोरोना वायरस संक्रमण का पता लगा सकती है और नमूना लेने से लेकर नतीजे आने तक में दो घंटे से भी कम समय लगेगा.’’
नई दिल्ली: केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री हर्षवर्धन ने शुक्रवार को कहा कि केरल के श्री चित्रा तिरुनाल आयुर्विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान, त्रिवेंद्रम ने कम कीमत वाली एक ऐसी जांच किट विकसित की है, जो महज दो घंटे में कोविड-19 की पुष्टि कर सकती है.
हर्षवर्धन ने ट्वीट किया, ''तिरूवनंतपुरम के संस्थान द्वारा विकसित की गई जांच किट 10 मिनट में कोरोना वायरस संक्रमण का पता लगा सकती है और नमूना लेने से लेकर नतीजे आने तक में दो घंटे से भी कम समय लगेगा.'' एक मशीन पर एक ही साथ 30 नमूनों की जांच की जा सकती है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने ट्वीट किया, ''(संक्रमण की) पुष्टि करने वाली जांच किट, जो वायरल न्यूक्लिक एसिड का उपयोग कर सार्स-सीओवी-2 के एन जीन का पता लगाती है, वह भले ही दुनिया में अपनी तरह की पहली ना भी हो तो, इस तरह की पहली बहुत थोड़ी जांच किट में से एक अवश्य होगी.'' इस जांच किट का नाम चित्रा जीन लैम्प-एन है.
Sree Chitra Tirunal Institute for Medical Sciences & Tech, Trivandrum, an Institute of National Importance, of the @IndiaDST, has developed a diagnostic test kit that can confirm #COVID19 in 2 hours at a low cost.@PMOIndia @WHO #IndiaFightsCorona #Covid_19 pic.twitter.com/N82laLnL48
— Dr Harsh Vardhan (@drharshvardhan) April 17, 2020
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने कहा है कि अलाप्पुझा स्थित राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान में किये गये परीक्षण में यह प्रदर्शित हुआ कि यह जांच किट आरटी-पीसीआर का उपयोग कर की गई जांच के नतीजों की तरह ही शत प्रतिशत समान और सटीक नतीजे देता है.
यह जांच किट ऐसे वक्त विकसित की गई है जब भारत कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों का तेजी से पता लगाने के लिये विदेश से जांच किट मंगाने की गति को तेज करने पर विचार कर रहा है और अन्य देशों से जांच किट खरीद रहा है. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने कहा कि नई जांच किट किफायती है क्योंकि हर जांच की लागत में प्रयोगशाला (लैब) को 1,000 रुपये की लागत आयेगी, जो मौजूदा जांच की न्यूनतम लागत से कम है.
गौरतलब है कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के तहत आने वाला तिरूवनंतपुरम स्थित यह संस्थान स्वदेशी 'हार्ट वाल्व' जैसे नवोन्मेष को लेकर भी जाना जाता है जो कम लागत वाला रहा है.
(इनपुट: एजेंसी भाषा)