Omicron Variant: इस लक्षण का नजर आना मतलब आप हो गए हैं संक्रमित, वैज्ञानिकों ने चेताया

Update: 2021-12-18 12:23 GMT

भारत सहित दुनिया के तमाम देशों में कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट का संक्रमण तेजी से बढ़ता जा रहा है। भारत में अब तक 11 राज्यों में संक्रमण फैल चुका है, वहीं 97 लोगों में अब तक इसकी पहचान की जा चुकी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, कोरोना का यह वैरिएंट अब तक 77 देशों में रिपोर्ट किया जा चुका है और कोरोना के अन्य स्ट्रेनों की तुलना में यह काफी तेजी से फैल रहा है। इससे बचाव के लिए लोगों को लगातार प्रयास करते रहने की आवश्यकता है।


कोरोना के इस नए वैरिएंट के बारे में जानने के लिए वैज्ञानिक लगातार अध्ययन कर रहे हैं। अब तक की रिपोर्ट के आधार पर वैज्ञानिकों का कहना है कि डेल्टा वैरिएंट की तुलना में ओमिक्रॉन में कुछ लक्षण अलग देखे जा रहे हैं। इसी क्रम में दक्षिण अफ्रीका स्थित डिस्कवरी हेल्थ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ रेयान नोच ने हाल ही में एक ब्रीफिंग में बताया कि डॉक्टरों ने ओमिक्रॉन संक्रमितों में एक खास लक्षण की पहचान की है, जिसके आधार पर बीमारी की पुष्टि की जा सकती है। आइए आगे की स्लाइडों में इस बारे में जानते हैं। 


डॉ रोच ने एक विज्ञप्ति में बताया कि ओमिक्रॉन संक्रमण के सबसे आम प्रारंभिक संकेत में रोगियों में स्क्रेची थ्रोट यानी कि गले में खरोंच जैसी स्थिति के बारे में पता चलता है। इसके साथ कुछ लोगों को बंद नाक और सूखी खांसी की समस्या भी हो सकती है। इनमें से अधिकतर लक्षण हल्के होते हैं, लेकिन उन्होंने जोर देकर कहा कि इसका मतलब यह नहीं है कि ओमिक्रॉन कम खतरनाक है। डॉ रोच कहते हैं, डेल्टा से संक्रमण के दौरान जहां लोगों को गले में खराश की समस्या हो रही थी, वहीं इस बार संक्रमितों को गले में खरोंच के साथ तेज दर्द का अनुभव हो रहा है, इन लक्षणों को गंभीरता से लिया जाना चाहिए।


इससे पहले एक रिपोर्ट में दक्षिण अफ्रीका में कोरोना संक्रमितों का इलाज कर रही डॉक्टर एंजेलिक कोएत्ज़ी ने बताया था कि ओमिक्रॉन के ज्यादातर संक्रमितों को रात में बहुत अधिक पसीना आने की समस्या हो रही है। इसके अलावा डेल्टा संक्रमण की तरह इसमें भी रोगियों को गंभीर थकान और कमजोरी की समस्या देखने को मिल रही है। डॉक्टर एंजेलिक कहती हैं, दुनियाभर में कोरोना संक्रमितों का इलाज कर रहे डॉक्टरों को इन लक्षणों पर विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है। 


ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में मेडिसिन के प्रोफेसर सर जॉन वेल ने एक रेडियो चैनल से बातचीत में बताया कि ओमिक्रॉन वैरिएंट से संक्रमित लोगों में जो लक्षण देखने को मिले हैं, वे पिछले वेरिएंट से कुछ भिन्न होते हैं। संक्रमितों में बंद नाक, गले में खराश, मायलगिया और लूज मोशन जैसे लक्षण भी देखे जा रहे हैं, जिनपर लोगों को विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है।


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