भारत में अब आएगी कोरोना की तीसरी लहर? स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चेतावनी

न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की ओर से कराए गए सर्वे में विशेषज्ञों ने यह भी कहा है कि भारत तीसरी लहर का मुकाबला दूसरी लहर से बेहतर तरीके से करेगा। उन्होंने कहा है कि कोरोना महामारी कम से कम एक साल और जन स्वास्थ्य के लिए चिंता की वजह बना रहेगा।

Update: 2021-06-18 13:04 GMT

नई दिल्ली, भारत में कोरोना की तीसरी लहर को लेकर चेतावनी जारी की गई है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के एक दल ने अक्टूबर तक देश में कोरोना की तीसरी लहर आने की आशंका जताई है और इससे निपटने के लिए तैयारियों ने जोर पकड़ लिया है। इस बीच कुछ मेडिकल एक्सपर्ट्स ने संभावना जताई है कि भारत में अक्टूबर तक महामारी की तीसरी लहर आ सकती है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की ओर से कराए गए सर्वे में विशेषज्ञों ने यह भी कहा है कि भारत तीसरी लहर का मुकाबला दूसरी लहर से बेहतर तरीके से करेगा। उन्होंने कहा है कि कोरोना महामारी कम से कम एक साल और जन स्वास्थ्य के लिए चिंता की वजह बना रहेगा।

दुनियाभर के 40 हेल्थकेयर स्पेशलिस्ट, डॉक्टर, साइंटिस्ट, वायरोलॉजिस्ट और महामारी विशेषज्ञों को इस सर्वे में शामिल किया गया था। 3-17 जून के बीच कराए गए इस सर्वे में जिन विशेषज्ञों ने माना कि तीसरी लहर आएगी, 85 फीसदी या 24 में से 21 ने कहा कि तीसरी लहर अक्टूबर तक आएगी। तीन अन्य ने इसके अगस्त में आने की भविष्यवाणी की तो 12 ने सितंबर में शुरुआत की बात कही है। अन्य ने कहा कि तीसरी लहर नवंबर से फरवरी के बीच आ सकती है।

हालांकि, 34 में से 24 विशेषज्ञों ने माना कि तीसरी लहर से भारत दूसरी लहर के मुकाबले बेहतर तरीके से निपटेगा। भारत में दूसरी लहर का पीक अप्रैल-मई में रहा। इस दौरान देश में रिकॉर्ड केस दर्ज किए गए। 24 घंटे में चार लाख से भी अधिक केस दर्ज किए गए तो देश के कई हिस्सों में ऑक्सीजन, दवा और अस्पताल में बिस्तरों की कमी हो गई। हालांकि इसके बाद से कोरोना केसों में तेजी से कमी आई है और शुक्रवार को 62 हजार नए मरीज मिले हैं।

भारत में मौजूदा कोरोना प्रकोप की तुलना में किसी भी नए प्रकोप को बेहतर ढंग से नियंत्रित किया जाएगा। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान(एम्स) के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि इसे और अधिक नियंत्रित किया जाएगा क्योंकि मामले बहुत कम होंगे क्योंकि अधिक टीकाकरण शुरू हो गया होगा और दूसरी लहर से कुछ हद तक प्राकृतिक प्रतिरक्षा भी होगी। यानि कोरोना की तीसरी लहर उतनी तेज रहने की संभावना नहीं है।

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